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हाईकोर्ट ने अधिकारियो की बार-बार बदली पर प्रदेश सरकार से 15 दिन मे मांगा जवाब।

इंदौर इंदौर के हाई प्रोफाइल हनीट्रेप मामले मे बार बार जांच टीम के बदवाल पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। बार-बार टीम के अधिकारियो के बदवाल से इस मामले की गोपनीयता खत्म होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि हनी ट्रैप मामले की जांच के लिए जो विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है, उसके प्रमुख और सदस्यों को 10 से 11 दिन के भीतर क्यों बदला जा रहा है। इसके पीछे क्या ठोस वजह है। गृह विभाग के सचिव इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट और सदस्यों को बदलने का कारण लिखित में पेश करें। सीनियर एडवोकेट अशोक चितले, मनोहर दलाल, लोकेंद्र जोशी ने यह केस सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर एक आवेदन हाई कोर्ट में पेश किया है। इसमें कहा गया है कि इतने गंभीर मामले में सरकार बार-बार एसआईटी में बदलाव क्यों कर रही है। सरकार की दिलचस्पी देखते हुए इसे बाहर की एजेंसी के हवाले कर देना चाहिए। सरकार अपनी पसंद के अधिकारी से मनमानी जांच कराना चाहती है। हर अधिकारी अपनी तरह से जांच शुरू कराता है और कुछ दिन में उसे हटा दिया जाता है। इस घटना पर हाई कोर्ट में तीन याचिका दायर हो गई है। कोर्ट में 21 अक्टूबर के पहले रिपोर्ट पेश करना है। 21 को कोर्ट इस पर फिर सुनवाई करेगी।

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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