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व्यापम महाघोटाले 2013 के मामले मे प्रदीप त्यागी को 10 और बाकी 30 आरोपियों को 7 साल की सुनाई सजा।

भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 मे हुई व्यापम महाघोटाले से जुड़े 31 दोषियो को सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को सजा सुना दी। इनमें रैकेटियर प्रदीप कुमार त्यागी को घोटाले ल सूत्रधार मानते हुई अदालत ने उसे 10 साल, और बाकी 30 दोषियों (यानी, 12 परीक्षार्थी, 12 सॉल्वर और छह अन्य दलाल) को 7-7 साल जेल और 10-10 हजार रु. जुर्माने की सजा सुनाई गई। विशेष न्यायाधीश एसबी साहू ने सभी दोषियों को सेंट्रल जेल भेज दिया। व्यापमं घोटाले से जुड़े कुल 150 मामलों में से यह 14वें केस में फैसला सुनाया गया है। और पहली बार विशेष अदालत ने इस घोटाले से जुड़े किसी केस में सभी आरोपियों को दोषी माना है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक सतीश दिनकर ने बताया कि प्रदीप त्यागी अन्य दलालों दिनेश धाकड़, देवेंद्र सिंह, पंजाब सिंह, शिव शंकर, सतीश शर्मा आदि के साथ मिलकर उम्मीदवारों को फंसाते थे। दलाल हर उम्मीदवार से एक से दो लाख रुपए में सौदा करते थे। साथ ही कहा कि, रैकेटियर प्रदीप पहले से सजायाफ़ता है। उसे वर्ष 2018 में जबलपुर की एक अदालत से दो साल की सजा सुनाई थी। प्रदीप पर अन्य परीक्षाओं से जुड़े मामले भी लंबित हैं। इस मामले में दतिया के परीक्षा केंद्रो से 6 और भोपाल से 6 परीक्षार्थीयों और उनकी जगह परीक्षा देने पहुंचे लोगों की गिरफ्तारी की थी। ज़्यादातर गिरफ्तार आरोपी भिंड, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, भोपाल और उत्तरप्रदेश के थे।

 

सुनवाई के दौरान जज एसबी साहू ने कहा कि,पुलिस आरक्षक के पास कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही अपराध को नियंत्रित करने का जिम्मा होता है। ऐसी स्थिति में अनुचित तरीके और भ्रष्ट आचरण से आरक्षक बने व्यक्ति से समाज का विश्वास उठ जाएगा और ऐसा व्यक्ति समाज के लिए घातक होगा

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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