भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) तहसीलदार से पिटाई के एक पुराने मामले में लोधी को भोपाल की विशेष कोर्ट ने दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने लोधी की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी थी। हाईकोर्ट के स्टे ने भाजपा विधायक रहे प्रहलाद लोधी को दिलाई राहत। प्रहलाद लोधी को भोपाल विशेष अदालत के द्वारा जो सजा मिली थी, उस पर हाई कोर्ट ने उन्हे स्टे दे दिया हैं। राज्य सरकार स्टे के विरोध मे सुप्रीम कोर्ट पहुँचे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार की एसएलपी खारिज कर दी। माना जा रहा है कि अब लोधी की विधायकी बहाल हो सकती है, जिसे मप्र विधानसभा ने अयोग्य करार दिया था।
पुरुषेंद्र कौरव, वरिष्ठ अधिवक्ता -सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष को विधायकी निरस्त करने के फैसले को वापस लेना होगा। अध्यक्ष के लिए औपचारिकता ही रहेगी कि वह सिर्फ चुनाव आयोग को सूचित करे।