भोपाल। 1 जनवरी 2020 नए साल मे व्यापारी और कारोबारियों के लिए नए नियम। जीएसजी काउंसिल ने इसका नोटिफिकेशन अनुसार फर्म जारी कर दिया हैं। इसके अनुसार फर्म के लिए अब राजधानी समेत पूरे देश के सभी मालिक कॉर्पोरेशन के लिए उसके एमडी, सहकारी समिति के लिए उसके अध्यक्ष को अपना आधार नंबर देना होगा। बड़े कार्पोरेटस के पंजीयन को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हैं। काउंसिल के नए फैसलो से भोपाल मे पंजीकृत करीब 60 हजार और मप्र के 10 लाख व्यापारियो को फायदा होगा। सर्विसेस के लिए जीएसटी पंजीयन में छूट सीमा भले ही 20 लाख ही रखी गई हो, लेकिन राज्यों को इसकी 40 लाख तक सीमा बढ़ाने के अधिकार दिए गए हैं। वही खास बात यह भी हैं कि यह केवल वस्तुओं में कारोबार करने वाले व्यापारियों के लिए जीएसटी पंजीयन से छूट की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपए कर दी गई है। इस फैसले से भोपाल के करीब 15 हजार और प्रदेश के 80 हजार से अधिक व्यापारियों को पंजीयन नहीं लेना पड़ेगा। अभी ब्याज मद में देय पैसा यदि पेनाल्टी मद चला जाए तो वह तीन से चार माह तक ब्लॉक जाता है। इस अवधि में भोपाल के व्यापारियों के 40 करोड़ और प्रदेश के व्यापारियों के करीब 300 करोड़ रुपए फंसे रहते थे। अब ऐसी गलती पर व्यापारी एक्टिवेटेड फार्म पीएमटी-क्यू 9 भरकर गलत मद में गए पैसे को सही मद में ट्रांसफर कर सकेंगे। ऐसे ही पेनाल्टी मद में देय पैसा गलती से ब्याज मद में चला जाए तो यह एडजस्ट नहीं होता है। नए नियमो में सरकार ने व्यापारी को भूल सुधार के विकल्प दिए हैं।
मुकुल शर्मा, जीएसटी विशेषज्ञ- डुप्लीकेशन से बचने के लिए सरकार ने आधार कार्ड की अनिवार्यता की है। राज्य सरकार को पहली बार सर्विस के दायरे में आ रहे व्यापारियों की संख्या का आकलन कर उनके लिए पंजीयन से छूट की सीमा तय करने का अधिकार मिला है।