इंदौरे। मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्र और राज्य के टैक्स विभाग के उच्च अधिकारियों और विविध जांच एजेंसियों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में टैक्स की चोरी और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एक नया नियम लागू किया गया हैं जिसके चलते जीएसटी में फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम और रिफंड रोकने के लिए अब सभी जांच एजेंसियों और विभागों की मदद ली जाएगी। जिस कंपनी का इस तरह का फ्रॉड सामने आएगा, वहां जीएसटी के विभाग द्वारा जांच करने के साथ ही मामले को आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के पास भी भेजा जाएगा और वह भी जांच करेगी। साथ ही आरबीआई के साथ भी बात की गई है, जिससे किसी भी कारोबारी के बैंक खाते में यदि कोई संदिग्ध लेन-देन दिखाई देता है तो वह संबंधित बैंक और खाते की यह जानकारी सभी जांच एजेंसियिों से शेयर की जाएगी। इससे संबंधित बैंक खाते का पूरा ट्रांजेक्शन जांचा जाएगा, खासकर वह कंपनियां जो क्रेडिट, रिफंड लेकर गायब हो जाती है और फिर इनके रिटर्न आदि अन्य जानकारियां सामने नहीं आती है। वहीं वित्तीय अनियमितता के संबंध में सभी एजेंसियां हर तीन माह में आपस में एक-दूसरे को जानकारी देंगे। जहां फायनेंसियल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (एफआईयू) के साथ भी जानकारियों को साझा किया जाएगा। वही, इसमें मुख्य तौर पर सेंट्रल बोर्ड आफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी), सेंट्रल बोर्ड आफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम (सीबीआईसी), जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) शामिल रहेंगी।
|