भोपाल।(सुलेखा सिंगोरिया) मप्र के राज्यपाल को केंद्रीय गृह मंत्री के नाम से फर्जी कांफ्रेंस कॉल कराने वाले डॉ. चंद्रेश शुक्ला और विंग कमांडर कुलदीप वाघेला ने खुद को बचाने के लिए गिरफ्तारी से पहले अपने मोबाइल का जो डेटा डिलीट किया था, एसटीएफ वॉट्सएप का डेटा रिट्रीव करवाकर सच्चाई जानने की कोशिश कर रहीं है।
एसपी एसटीएफ राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि चंद्रेश के आसाम से बने आधार कार्ड की जानकारी भी जल्द कोर्ट के सामने पेश की जाएगी। दोनों आरोपियों से महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए है। इन सभी के संबंध में पूछताछ की जा रहीं है। एटीएफ इस मामले में अपराध की गंभीरता को देखते हुए धाराएं बढ़ा सकती है। चंद्रेश और कुलदीप के कॉल रिकॉर्ड निकलवाए गए हैं जिससे मामले से जुड़े कई और लोगों के नाम सामने आ सकते है। चंद्रेश किन लोगों बड़े नेताओं और अधिकारियों के संपर्क में था इसकी भी पड़ताल की जा रही है।
बुधवार को रिमांड खत्म होने पर एसटीएफ ने दोनों को मजिस्ट्रेट अमित निगम की कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड मांगा। अदालत ने रिमांड मंजूर कर दोनों को 17 जनवरी को पेश करने के आदेश दिए है।