भोपाल। गुरुवार को ईओडब्ल्यू की विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर चतुर्वेदी को भ्रष्टाचार और लोगो से धोखाधड़ी कर 13 लाख रु. लेने का दोषी करार देते हुए, पांच साल की जेल साथ ही 8.75 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि चतुर्वेदी एक जनवरी 2003 से 26 मई 2003 तक एडीजी जेल थे। उपेंद्र गौतम नामक व्यक्ति ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी कि चतुर्वेदी जेल प्रहरी एवं लिपिक के पदों पर भर्ती के लिए 16 लोगों से 13 लाख रु. लिए। जांच में सामने आया कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से रकम ली। उनके खिलाफा 28 फरवरी 2006 को एफआईआर दर्ज की गई। जब चतुर्वेदी फंसे तो उन्होंने कुछ लोगों को चैक से पैसे वापस कर दिए थे। जेल विभाग में हो रहीं भर्तीयों के कुल 589 आवेदन मिले थे, इनमें से कुछ आवेदन बिना मार्किंग और आमद किये हुए थे।