भोपाल। माफिया को खत्म करने वाली कमलनाथ की छेड़ी मुहीम ने भी अब माफिया का रूप ले लिया हैं। जी हाँ, माफिया के खिलाफ अभियान के नाम पर नगर निगम और राजस्व के अफसर अपनी जेब गरम करने पर लग गए हैं। जिसके चलते आम लोगों को भी मामूली नियमो के उल्लंघन और अतिक्रमण के नाम पर नोटिस थमा दिए है। यह संख्या हजारों में है। अगर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर को ही मिलाएं तो यह संख्या चार हजार से अधिक बताई गई है।
इस मामले की जानकारी जब मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंची तो मुख्यमंत्री के साफ कहा था कि जबरन वसूली (एक्सटार्सन), ब्लैकमेलिंग, गुंडागर्दी, दुष्कर्म और गैर कानूनी कार्यों में जो माफिया लगा हुआ है, उसे खत्म करना है। ऐसी जानकारी सामने आई है कि साधारण लोग जिन्होंने नियमों में कुछ गड़बड़ी की है, उन्हें माफिया की तरह माना जा रहा है। नगर निगम और राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारियों ने हजारों की संख्या में ऐसे लोगों को नोटिस दे दिए हैं। हैरान करने वाली बात है कि पुलिस अधिकारी सोशल मीडिया पर आम लोगों की माफिया के नाम पर लिस्ट बनाकर उसे डाल रहे हैं।
मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने सभी संभागों के कमिश्नर को ताकीद दे,
सभी अफसरों और कर्मचारियों को साफ कर दिया है कि अब यदि आम व्यक्ति को किसी भी तरह से प्रताड़ित या परेशान करने की जानकारी आती है तो कमिश्नर ऐसे लोगों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। साथ ही शासन को बताएं। मोहंती ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शासन स्तर पर हर जिले की सूची है कि कहां कितने नोटिस दिए गए हैं। आम लोगों के संबंध में संभागों को निर्देशित कर दिया गया है।
सट्टे के नाम पर हो गई करोड़ों की वसूली अफसरो के जेब मे
शासन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सटोरियों पर कार्रवाई के नाम पर इंदौर और भोपाल में बड़ी राशि की वसूली जिम्मेदार अफसरों ने की है। यह करोड़ों में है। यह जानकारी भी राज्य सरकार के स्तर पर पहुंच गई है।