नई दिल्ली। रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अवैध सॉफ्टवेयर से तत्काल श्रेणी के रेल टिकटों की कालाबाजारी से साथ आतंकियों से भी जुड़े दलालों के गिरोह को आरपीएफ ने धर-दबोचा है। आरोपी क्रिप्टो करंसी और हवाला के जरिए पैसा विदेश भेज रहे थे।
रेल सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि भुवनेश्वर से गिरोह के प्रमुख सदस्य गुलाम मुस्तफा समेत 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास उपलब्ध उन्नत तकनीक का भी पता चला है। इस गिरोह में 20 हजार से अधिक एजेंटों वाले 200 से 300 पैनल देश भर में सक्रिय हैं। गिरोह के पास फर्जी आधार एवं फर्जी पैन कार्ड बनाने की तकनीक है। पूछताछ में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। यह गिरोह बांग्लादेश से लोगों को अवैध रूप से लाने एवं यहां बसाने का काम भी कर रहा था। इस खुलासे के बाद ईडी, सीबीआई, आईबी, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), खुफिया ब्यूरो (आईबी), प्रवर्तन निदेशालय, कर्नाटक पुलिस की विशेष जांच इकाई भी जांच में जुड़ गई हैं।
बीते साल गोंडा स्कूल में धमाका करने के मामले से भी जुड़ा सरगना हामिद अशरफ हैं। जो दुबई में बैठकर 15 करोड़ रुपए महीने तक पाता है। यह गिरोह पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन तब्लीगी जमात से जुड़ा है। जानकारी अनुसार इसमें बेंगलुरू की एक सॉफ्टवेयर कंपनी भी साझीदार है और गुरुजी के को डनेम वाला एक उच्च तकनीक में माहिर गिरोह को सक्रिय मदद देता है।