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लाइफ टाइम वाटर टैक्स भरने के बाद भी, निगम ने 5 हजार का बिल भरने का भेजा नोटिस।

भोपाल। वन टाइम इंवेसमेंट यानि एक बार के खर्च मे जीवन भर के लिए फ्री। ऐसी ही नगर निगम प्रशासन ने 1998 में एक स्कीम जारी की थी। इसके तहत 6000 रुपए एकमुश्त पानी का बिल जमा करने पर लाइफ टाइम टैक्स की छूट का प्रावधान था। इसी लाइफ टाइम वाटर टैक्स स्कीम के तहत (80 वर्षीय) रिटायर्ड मेजर सिकंदरलाल कालरा ने नगर निगम में 6 हजार रुपए जमा किए थे, लेकिन जनवरी 2018 से निगम ने उन्हें फिर से पानी का बिल देना शुरू कर दिया। उन्हें करीब पांच हजार रुपए जमा करने का नोटिस जारी किया गया है। मेजर कालरा ने तीन महीने पहले शिकायत की, लेकिन अब तक इसका निराकरण नहीं हुआ है
यह मामले तो सिर्फ एक उदाहरण हैं ऐसे ही कई केस शहर के कई एरिये मे सामने आए हैं जैसे-कोलार, शाहपुरा,  अरेरा कॉलोनी, मिसरोद और आसपास का क्षेत्र,  बिट्टन मार्केट,  न्यू मार्केट और रायसेन रोड क्षेत्र आदि। जानकारी अनुसार बिलों में संशोधन की हर फाइल वार्ड से जोन कार्यालय होते हुए मुख्यालय तक जाती है। यहां उपायुक्त व अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं। नतीजा- संशोधनों पर महीनों निराकरण नहीं हो पाता। कुछ महीनों से अफसरों का पूरा ध्यान स्वच्छता सर्वे पर है और अपर आयुक्त रणबीर कुमार के तबादले के बाद निगम का राजस्व जैसा विभाग ऐसी ही व्यवस्था में चल रहा है। वार्ड कार्यालय से लेकर जोन कार्यालय और मुख्यालय तक कोई भी उनकी सुनवाई नहीं करता। इधर, कमिश्नर बी विजय दत्ता ने सोमवार को राजस्व की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निगम में स्वच्छता अभियान की तर्ज पर टैक्स वसूली के लिए वार्ड स्तर पर नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे।

 ाइफ टाइम वाटर टैक्स स्कीम  मे गड़बड़ियाँ-

  • 3 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स के खाते निगम में
  • 2.25 लाख नल कनेक्शन

कमल सोलंकी, अपर आयुक्त- पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि कई लोगों को संपत्तिकर और पानी के गलत बिल जारी हुए हैं। इनके निराकरण की नई व्यवस्था बना रहे हैं। जोनल अधिकारियों को अधिकार देने का भी प्रस्ताव है। ऐसे में मामलों का निराकरण जल्दी होगा। 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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