भोपाल। सासन पॉवर प्रोजेक्ट पर बकाया 450 करोड़ रुपए चुकाने के लिए सरकार ने अनिल अंबानी को दिया 4 साल का समय।
दरअसल, सासन प्रोजेक्ट ने आवेदन कर इतनी राशि एक साल में चुकाने में अंबानी ने असमर्थता जता दी थी। जिसके चलते निवेश संवर्धन की कैबिनेट कमेटी (सीसीआईपी) ने इस पर विचार कर इसकी वसूली की मियाद अब एक साल से बढ़ाकर चार साल कर दी है। बिजली, पानी व माइनिंग की रॉयल्टी के इस बकाए का भुगतान अंबानी 2024-25 वित्तीय वर्ष से करेंगे। इन चार सालों में प्रोजेक्ट से ब्याज लिया जाएगा। लेकिन, इस समय अनिल अंबानी ग्रुप की परिस्थितियां अनुकूल नहीं होने के चलते, प्रोजेक्ट बकाए का भुगतान एकमुश्त न कर, किस्तों में करेगा। हैं। अनिल अंबानी लोन चुकाने की मोहलत बढ़ाने को लेकर वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि इससे राज्य को राजस्व का नुकसान होगा। इस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि या तो अनिल अंबानी स्ट्रेस्ड (तनाव) में हैं या आप (एसीएस अनुराग जैन)। यदि सासन प्रोजेक्ट एक साल भी चलता है तो राज्य सरकार के 2500 करोड़ रुपए बचते हैं। हमें क्या तय करना चाहिए, ढाई हजार करोड़ का नुकसान कराएं या 450 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए मोहलत दे दें। इसके बाद सीसीआईपी में सासन पॉवर प्रोजेक्ट को चार साल की मोहलत देने की मंजूरी हो गई।
कर्ज में डूबी रिलायंस इंफ्रा के निदेशक मंडल से उनके बेटों ने इस्तीफा दे दिया है। सीसीआईपी में सासन पॉवर प्रोजेक्ट के साथ तीन और उद्योगों को निवेश की हरी झंडी मिल गई है। यहां बता दें कि वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में जाने से पहले की सीसीआईपी में कमलनाथ सरकार ने सासन प्रोजेक्ट को बकाया चुकाने के लिए एक साल की मोहलत दी थी, लेकिन सासन प्रोजेक्ट ने इसे बढ़ाने के लिए फिर आवेदन दे दिया।
उज्जैयनी धार में वैकमेट इंडिया 900 करोड़ की दूसरी इकाई लगा रही है। कंपनी ने उत्तर प्रदेश सरकार से मिली छूट के बराबर राहत मांगी है। उज्जैयनी में ही कंपनी का एक और 800 करोड़ का प्रोजेक्ट है, लेकिन उप्र में 4 यूनिट हैं। वैकमेट बड़ी निर्यातक कंपनी है। उद्योग विभाग अब उप्र सरकार से मिली छूट का अध्ययन कर इसे फिर सीसीआईपी में लाएगी।