इंदौर। जिला अदालत ने बुधवार को बहुचर्चित हनीट्रैप मामला के तीनों आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 370, 370-ए व 120-बी के तहत आरोप तय किए। उनके के खिलाफ ट्रायल प्रेग्राम 18 फरवरी को अदालत में पेश होगा। वही, सबूतो के सभव ने आरोपी श्वेता स्वप्निल जैन को इस मामले से दोषमुक्त कर दिया गया हैं।
दरअसल, सीआईडी ने 27 दिसंबर 2019 को मानव तस्करी केस में चार आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इस मामले में मोनिका यादव का बयान अहम था। जांच एजेंसी को 29 सितंबर 2019 को मोनिका यादव ने बयान दिया था कि वह ग्राम संवासी, तहसील नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ की रहने वाली है। मोनिका ग्रेजुएशन करने भोपाल आई थी। उसकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।
मोनिका फरवरी 2019 में अभिषेक के सम्पर्क में आई और दोनों की फोन पर बात होने लगी। एनजीओ में काम करने वाले अभिषेक ने मोनिका को आर्थिक मदद के बहाने अवैध कार्य में लगाया। मामले में पेश चालान और दस्तावेजों में पाए गए साक्ष्यों के आधार पर तीनों आरोपियों की मुख्य माना हैं।
कैसे बची श्वेता स्वप्निल जैन : कोर्ट ने कहा कि श्वेता स्वप्निल जैन के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप है, लेकिन उसके कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। चालान में इस बात का भी कहीं जिक्र नहीं है कि श्वेता विजय जैन, आरती व अभिषेक के साथ मिलकर श्वेता स्वप्निल ने पीड़िता पर कोई दबाव बनाया। केस में कई ऑडियो, वीडियो , सीडी या अन्य दस्तावेज पेश किए गए। मोनिका यादव ने बयान में कहा था कि उसे इस बात की जानकारी थी कि श्वेता स्वप्निल के कई बड़े अधिकारियों से पहचान है। चालान में इसका जिक्र है।
दस्तावेज देने में आनाकानी कर रही एसआईटी को दो दिन पहले हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जमकर फटकार लगाई थी। इसके बाद एसआईटी ने आयकर के अफसरों को बुलाकर हनीट्रैप मामले की जांच से जुड़े लगभग 350 पेज के दस्तावेज आयकर विभाग को सौंप दिए हैं। जानकारी के मुताबिक एसआईटी को पत्र लिखकर विभाग ने हनीट्रैप से जुड़े दस्तावेज मांगे थे।