भोपाल। 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस के द्वारा गिरफ्तार हुये प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) विजय मोरे ने गुरुवार को वॉइस सैंपल और वॉइस आइडेंटिफिकेशन के लिए लोकायुक्त पुलिस के पूछताछ के दौरान स्वीकारा कि वह एसडीओ और डीएफओ के नाम पर वसूली करता था। रिश्वत की राशि का बंटवारा कर वह अफसरों तक रुपए पहुंचाता था। गुरुवार दोपहर साढ़े बारह बजे पुलिस को मोरे का वॉइस सैंपल और वॉइस का आइडेंटिफिकेशन करना था। लेकिन वॉइस सैंपल देने में मोरे आनाकानी करते रहे। कई बार के प्रयास के बाद शाम को उनके वॉइस सैंपल हो सके। मोरे ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह एसडीओ और डीएफओ के नाम पर रिश्वत लेते थे। उन्होंने बताया कि डायरी में हिसाब उनकी राइटिंग में ही लिखा गया है। रिश्वत की राशि लेने वाले अफसरों के नाम उजागर होने के बाद वन विभाग में हलचल मची है। लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि डायरी में जिनके नामों का उल्लेख है, आवश्यक होने पर उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। इतना ही नहीं उन्हें भी आरोपी बनाया जा सकता है। वही, कई अफसरों ने मोरे से कह दिया है कि वे कोई मदद नहीं कर सकते, खुद ही इस समस्या से निपटो।
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