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इंदौर की यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ प्रियंका जैन के परिवार के सदस्यो की मौत के मामले में एक सरकारी डाक्टर की भूमिका को संदेह के घेरे मे है

इंदौर

डॉ॰ इजहार मुंशी ने पलासिया स्थित नवनीत प्लाजा में बिना रजिस्ट्रेशन चला रहे  स्किन गैलेक्सी क्लीनिक में डॉ॰ जैन व उनके पति का उपचार किया दोनों पति पत्नी कोरोना संक्रमित थे। डाक्टर मुंशी ने रेमडीसीविर तक घर पर ही लगा दिये जबकि सरकार ने  घर पर रेमडेसीविर लगाने की अनुमति नहीं दी है।  यह क्लीनिक डॉ॰ नुरीन मुंशी का है ओर उन्ही के पर्चे पर डॉ इजहार ने दंपति का ट्रीटमेंट लिखा था। डॉ॰ मुंशी ने जिस पर्ची पर डॉ जैन का इलाज लिखा था उसपर उनका पूरा नाम नहीं है  बस उनका सरनेम है। डॉ मुंशी सरकारी सेवा से 2007 से गायब थे लेकिन हाल ही मे उनकी छुट्टी मंजूर हुई है डॉ की बेटी भी चर्मरोग विशेषज्ञ है, ओर चर्म के इलाज के साथ ही यह कोविड मरीजो के इलाज मे सहयोग कर रही थी परिजन का आरोप है कि वह जैन के घर भी आई थी। ओर उन्होने घर मे ही 5 रेमड़ेसिविर लगा दिये। जिसकी वजह से 32 दिन के अंदर डॉ॰ प्रियंका उनके पति ओर बेटे अमन की कोरोना से मौत हो गयी थी। इस मामले को परिजन कोर्ट ले जाने की तैयारी मे है। इस विषय मे डॉ मुंशी का कहना है की हमने कोरोना का इलाज नही किया है हमने तो अस्पताल जाने को कहा था ।      

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सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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