भोपाल
हरियाणा , राजस्थान , उप्र॰, व अन्य राज्यो के बाद अब मध्यप्रदेश मे भी ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है। शुक्रवार को कोरोना कोर ग्रुप की बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे मरीजों,म्रतको और इलाज का कोरोना की तरह ही पूरा रिकॉर्ड रखेगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा की इसका इलाज कैसे किया जा रहा है और कोई भी अस्पताल इसका इलाज करने से मना तो नही कर रहा है। ओर ब्लैक फंगस के इलाज मे लग रही द्वाईया ओर इंजेक्शन की सप्लाई को बराबर रखना भी सरकार की जिम्मेदारी होगी। बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलो को देखते ही राज्यो को कहा कि इसे महामारी घोषित करे और इलाज कि जिम्मेदारी लें।
इंदौर में ब्लैक फंगस के 8 ऐसे मरीज मिले है जिन्हे कोरोना नहीं हुआ था। इस बीमारी के कारणो कि जांच के लिए गठित कमेटी के सामने इसका खुलासा हुआ हैं। ब्लैक फंगस नारीजो का एंटी बॉडी टेस्ट कराया जाएगा, जिससे पीटीए चलेगा कि इन्हे कोरोना हुआ था या नहीं, यह संभव है कि इन मरीजो को माइल्ड संक्रामण हुआ हो और मरीजो को पता ही नहीं चला हो। साथ ही जबलपुर मे ब्लैक फंगस के चलते एकऔर नयी मुसीबत आ गई है। प्रदेश मे व्हाइट फंगस मिलने का पहला केस सामने आया है। मेडिकल कॉलेज ईएनटी विभागाध्यक्ष और वार्ड प्रभारी डॉ।कविता सचदेवा ने बताया कि 17 मई को एक 55 वर्षीय मरीज का ऑपरेशन किया गया था,जिसकी जांच रिपोर्ट बाद मे आई। जांच मे व्हाइट फंगस कि पुष्टि हुई है। मरीज को कोरोना हो चुका है,पर यह नहीं कहा जा सकता कि व्हाइट फंगस कोरोना के बाद हुआ है। यह प्रदेश का पहला मरीज है जिसके ऑपरेशन के दोरान व्हाइट फंगस मिलने कि पुष्टि हुई है।