भोपाल (अभिलाषा मिश्रा)
राजधानी में ब्लैक फंगस के इलाज मे उपयोगी दवाइयो मे एफोटेरिसिन –बी इंजेक्शन के लिए तीसरे दिन भी शुक्रवार को भी गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में भी हाहाकार कि स्थिति बनी रही। मरीज के परिजन यहा इंजेक्शन के लिए सुबह 6 बजे से तो कोई 9 बजे से डेरा डाल रहे है कई परिजन काउंटर खुलेने का इंतजार इस आस मे कर रहे है कि फॉर्म जमा करते ही उनको इंजेक्शन मिल जाएगा। लेकिन इंजेक्शन का स्टॉक न होने कि वजह से काउंटर खोला ही नहीं और बाद मे डीन के दखल के बाद 80 मरीजो के फॉर्म पर साइन कर भटकने के लिए छोड़ दिया गया। पिछले 3 दिनो से किसी भी मरीज को इंजेक्शन नहीं लग पाये है। सरकार दावरा इंजेक्शन का स्टॉक उपलब्ध न होने पर यह स्थिति बन गई है कई मरीज तो सिरियस कंडीशन मे है अगर उनको 2-3 दिन और इंजेक्शन नही मिले तो उन मरीजो कि जान भी जा सकती है। सरकार ने शुक्रवार कि रात हमीदिया अस्पताल में भर्ती 100 मरीजो के लिए 164 इंजेक्शन कि डोज़ पहुंचाई गई। ये डोज़ केवल 100 मे से 41 मरीजो को लग पाएगी। शहर मे 255 मरीज ब्लैक फंगस भर्ती है,इनमे से 155 मरीज प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है। इन सभी को पिछले 3 दिन से इंजेक्शन का डोज़ नहीं मिल पाई है। सरकार के सारे इंतेजाम फेल हो चुके है,पहले कोरोना और अब ब्लैक फंगस को देखकर तो ये ही समझ आता है। सरकारी सिस्टम ऐसा बना दिया कि मरीज कि सेवा तो दूर इंजेक्शन कि व्यवस्था मे ही 10-12 घंटे लग रहे है।
|