इंदौर
शहर मे लागू कोरोना पाबंदियों के नियम एकदम से सख्ती बढ़ाने पर सभी लोगो मे अच्छी ख़ासी नाराजगी देखी गई है। डेढ़ महीने से चल रही कोरोना पाबंदियों के नियम 11 बार बदले जा चुके है॥ भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इसे तानाशाहीपूर्ण निर्णय करार दिया है, विभिन्न व्यपारियों ओर उनके संगठनो ने भी विरोध जताया है। ओर इधर कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्तियों को 1 जून से अनलॉक करने से फले का मास्टर स्ट्रोक कहा है।
पुलिस ने कलेक्टोरेट चौराहे पर एक कार को रोका और उसमे महिला चालक जो कि गर्भवती है, वह महिला बोली कि में अन्नपूर्णा क्षेत्र मे रहती हूँ। एचडीएफसी सियागंज शाखा कि कर्मचारी हूँ, वहां जा रही हूँ। पुलिस ने खा कलेक्टर के आदेश मे काही भी बैंक खुलने का नहीं लिखा है और कार कि हवा निकाल दी व महिला को 30 मिनिट तक धूप मे खड़ा रखा। बाद मे बैंक के डिस्ट्रिक्ट कोआर्डिनेटर विनोद शर्मा व्हा पहुंचे उसके बाद महिला को छोड़ा और इधर रीगल तिराहे पीआर एक ऑटो चालक को पकड़ के सिटी बस मे बिठाया, उसने कहा भी कि पत्नी को छोड़कर वैक्सीन लेने जा रहा हूँ। उसने अपना कार्ड भी दिखाया पर उसकी नहीं सुनी। और पुलिसकर्मियों ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ॰ शादाब हुसैन के साथ भी बदसलूकी की। डॉ॰ ने कहा की आई एम डॉ॰ और में अपना क्लीनिक खोलने जा रहे है पर उनकी भी नहीं सुनी और पुलिसवाला बोला ज्यादा अँग्रेजी झाड़ रहा है और सिटी बस में 20 मिनिट बिठाए रखा। डॉ॰ ने मेडिकल एसोसीएशन से शिकायत की है। की जब ये डॉ॰ के साथ ऐसा सलूक कर रहे है तो ये आम जनता के साथ क्या कर रहे होंगे।
पुलिस की सख्ती पर डीआईजी मनीष कपूरिया ने कहा – बिना वजह किसी को परेशान नहीं किया जाएगा। गर्भवती महिला को रोकना ओर गाड़ी की हवा निकालना ओर वैक्सीन रिक्शा चालक को रोक रखना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। अगर ऐसा हुआ है तो जांच बाद संबन्धित पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की जाएगी।