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निजी अस्पतालो का फायर ऑडिट एक रस्म अदायगी कि तरह हो रहा है

   भोपाल

यूएडीडी (नगरीय आवास एंव विकास विभाग) के निर्देशों के आधार पर नगर निगम इस दिनो  अस्पतालो कि लिफ्ट और फायर सेफ़्टी का ऑडिट कर रहा है। लेकिन यह भी एक कागजी ओपचारिकता ही बनकर रह जाएगा। सरकार ने जिन एक्स्पर्ट को  फायर कंसल्मेंट नियुक्त किया है उन्होने भी और उन्होने फायर ऑडिट मे कोई रुचि नहीं दिखाई है।    नतीजा यह है कि नगर निगम के स्टाफ ने फौरी जांच के आधार पर अस्पतालो को नोटिस थमा दिए। वहीं लिफ्ट के मामले में न तो नगर निगम को कोई एक्स्पर्ट मिल रहा है,और न ही इंजीनियरो को इसकी कोई खास समझ है।

         कोरोना महामारी कि दूसरी लहर के दौरान देश के कुछ शहर के कई अस्पतालो में   आगजनी कि घटनाए हुई है। इससे सबक लेते हुए, नगरीय आवास एंव विकास विभाग के सभी निकायो को अपने क्षेत्र के अस्पतालो और भवनों का फायर ऑडिट करने को कहा। इसके लिए केवल एक सप्ताह का समय दिया है।

यह फायर ऑडिट राज्य सरकार द्वारा नियुक्त फायर कंसल्टेंट्स के माध्यम से करना था शहर मे 9 कंसल्टेंट ही सक्रिय है। करीब 1 महीने पहले अपर आयुक्त केएस परिहार द्वारा बुलाई थी।  बैठक में यह लोग शामिल थे, और परिहट ने इनको इस ऑडिट कि जानकारी भी दी थी, लेकिन उसके बावजूद ईं लोगो ने इसमे कोई रुचि नहीं ली। और इधर लिफ्ट के ऑडिट के मामले मई भी 2 हफतें मे सिर्फ 65 अस्पतालों कि लिफ्ट कि ही जांच कर पाये है,1 हफतें मे सभी अस्पतालों कि लिफ्ट कि जांच होना थी पर नगर निगम नहीं कर पाया। निगम कि इलेक्ट्रिकल शाखा के जो इंजीनियर यह काम कर रहे, उन्हे लिफ्ट के बारे मैं कोई तकनीक अनुभव नहीं है।

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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