इंदौर
इंदौर के एमवायएच में ब्लैक फंगस के 120 और निजी अस्पतालों नें करीब 170 मरीज भर्ती हैं। नियमानुसार एक मरीज को कम से कम पांच एंटी फंगस इंजेक्शन रोज लगाना पड़ते है। करीब 14 दिन तक यह इंजेक्शन लगाये जाते हैं। निजी अस्पतालो के 164 मरीजों के लिए 130 इंजेक्शन आवंटित किए गए है। यहा तक कि एक अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए एक ही इंजेक्शन दिया गया। जबकि इंसभी मरीजो को 820 इंजेक्शन कि जरूरत है, उन परिजन जिनके अपने अस्पताल मे ब्लैक फंगस के संक्रमण से जूझ रहे है। ईं मरीजो के इलाज में लगने वाले एम्फोटेरिसिन –बी के इंजेक्शन बाजार मे भी नहीं मिल प रहे है। ऐसे मे नाराज परिजन ने सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज मे जमकर हँगामा किया। “आप भले ही गोली मार दो पर इंजेक्शन ले कर ही जाएंगे....कुछ भी हो जाए... सरकार ने जब से आपको ज़िम्मेदारी दी हैं, तब से अब तक एक इंजेक्शन नहीं मिला है। ये दर्द है उन परिजन का जिनके परिवार के ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजो को इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे है। और इधर जबलपुर – मप्र। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिक अतुल श्रीधरन की डिवीजन बैंच ने कहा की हम ब्लैक फंगस के मरीजो की दयनीय स्थिति के बारें में जानते है। उनके लिए पर्याप्त मात्रा मे इंजेक्शन नहीं है। सरकार हर हाल मे मरीजो के लिए इंजेक्शन उपलब्ध कराये। सरकार चाहे तो बिना टेंडर के भी ब्लैक फंगस के इंजेक्शन खरीद सकती है। कोर्ट मित्र नागरथ ने कहा की प्रदेश मे ब्लैक फंगस के मामले एक हजार से ज्यादा हो गए है। इसके लिए केवल 6426 डोज़ मिली है। और उधर सरकार ने बताया कि एक करोड़ वैंक्सीन ग्लोबल टेंडर के जरिए खरीदी जाएगी
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