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रात गर्ल्स हॉस्टल में महिला कर्मचारी के साथ शारीरिक शोषण

भोपाल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) में यौन शोषण का मामला सामने आया। महिला कर्मचारी ने डायरेक्टर कर्नल सुब्रतों विश्वास के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है। महिला ने 20 मई को संस्थान के डायरेक्टर जनरल (दिल्ली) से की शिकायत में कहा कि कोविड के कारण गर्ल्स हॉस्टल खाली है, जिसकी वजह से वे हॉस्टल मे अकेले रहते है। और वह उसे वहां बुलाते और कई बार छुने कि कोशिश करते, और गंदी नजरों से घूरते है। वहीं विस्वास ने इन आरोपो को गलत बताया है।  

महिला कर्मचारी का कहना कि :- डायरेक्टर विश्वास कोलकाता एनआईएफटी से 7 दिसंबर 2020 को ट्रांसफर हो कर भोपाल आए थे। नियमानुसार सर को मकान किराए पर लेकर रहना चाहिए था। लेकिन वो गर्ल्स हॉस्टल के रूम में रह रहे थे। मुझे संस्थान कि और से हॉस्टल के पास ही आवास स्थान मिला है। कोरोना के बाद निफ़्ट का गर्ल्स हॉस्टल खाली है। सर मुझे फोन करके हॉस्टल मे बुलाते हैं। वें मुझ पर रात में हॉस्टल में रहने के लिए दबाव बनाते है। जबकि इस समय पूरा हॉस्टल खाली है और यहां पर कोई गार्ड भी नहीं है। ओर मेरे ऐसा न करने पर वो स्टोर देखने के बहाने बुलाते थे।कभी छूटे तो कभी गंदी नजर से घूरते , मेरे हॉस्टल मे न रुकने पर वह मुझे सबके सामने अभद्र व्यवहार करते है। और उन्होने मेरा वेतन भी कम कर दिया है मेरी नियुक्ति वार्डन के रूप मे हुई है। मुझे हटा कर पहले प्रशासनिक एचआर में काम करने को कहा और वहाँ का काम सीखा ही था कि वहां से हटाकर टेक्सटाइल अकादमी में लगा दिया । मेरी नियुक्ति शेक्षणिक यौग्यता के आधार पर मुझे कमेटी ने वार्डन के रूप में की थी।सर ने मुझे नॉन स्किल पद पर नियुकत कर दिया है। मेंने ज्वाइंट डायरेक्टर अखिल सहाय को समस्या बताई। उन्होने डायरेक्टर से बात करने के बाद कहा था। कि डिमोशन नियमनुसार है। मेने  इसका कारण पूछा तो मुझसे कहा कि पुरानी सारी बाते भूल जाओ और रात को हॉस्टल में आ जाओ। उनकी बातों से मुझे बहुत दिक्कत हुई इसलिए मेने इसकी शिकायत डीजी से की। इधर डायरेक्टर सुब्रतों का कहना है की महिला कर्मचारी जो भी आरोप लगा रही है वो सब गलत है, मेंने संस्थानमें कुछ बदलाव किए है। जो महिला कर्मचारी को पसंद नहीं आए। इसी के चलते उन्होने मेरे ऊपर ये आरोप लगाए व इसकी शिकायत कमेटी से की अब कमेटी जो कहेगी वही करुगा। इसके पहले 2013 में भी एनआईएफटी में महिला कर्मचारीयों और स्टूडेंट ने तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर बसंत कोठारी के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। जांच में उनको दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हे संस्थान से बर्खास्त भी कर दिया गया था। इधर  शांतमनु, डीजी, एनआईएफटी दिल्ली;- मेरे घर में सभी को कोरोना हुआ था। इसलिए आज ही ज्वाइन किया है। महिला की शिकायत मिल गयी है, शनिवार को बोर्ड के सामने रखुगा और आंतरिक जांच शुरू कर दी गयी है।

महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष उपमा राय का कहना है कि यदि कोई महिला यौन शोषण कि शिकायत करती है तो 7 दिन के अंदर नोटिस जारी किया जाता है। महिला कि सुरक्षा को देखते हुये,उसकी मांग पर आरोपी कि जांच होने तक उसे दूसरे स्थान  पर स्थांतरित कर देना चाहिए। मामले मे संस्थान कि कमेटी के अलावा एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता जो इस संस्थान का ना हो उसको भी कमेटी मे शामिल करना चाहिए। कमेटी को जांच 90 में अधिकारीयों को जांच रिपोर्ट सोंपना जरूरी है। और वही कमेटी कि शिफारिश पीआर अधिकारियों को 60 के अंदर एक्शन लेना अनिवार्य हैं।

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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