नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश मे मॉडल टेनेन्सी एक्ट यानि आदर्श किराएदारी कानून को मंजूरी दे दी है। और इस कानून मे मकान मालिक और किराएदार दोनों के हितों का प्रावधान किया गया। इनसे जुड़े विवादों के निपटारे ले लिए अथॉरिटी या अलग कोर्ट बनाने का भी प्रस्ताव है। और इसके मुताबिक मकान मालिक किराएदार से 2 महीने से ज्यादा एडवांस किराया नहीं लें सकेंगे। वही अगर किराया नहीं मिलता है या किराएदार मकान खाली नहीं करता है, तो मकान मालिक 2 से 4 गुना तक किराया वसूल सकेंगे।सरकार के मुताबिक इससे देशभर में किराए पर मकान देने कि मौजूदा व्यवस्था के नियमों मे बदलाव करने में मदद मिलेगी और किराए का कारोबार तेजी पकड़ेंगा। प्रधान नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता मे हुई बैठक में कैबिनेट ने इस कानून को मंजूरी दी है। इसको सभी राज्यो और केंद्रप्रशासित प्रदेशों को भेजा जाएगा। इसके आधार पर वह किराएदारी कानून में बदलाव या संशोधन कर संकेंगे। सरकार ने पहली बार 2019 में इस अधिनियम का मसोदा जारी किया था। इसका उद्देश्य किरायेदारों और संपत्ति मालिको के बीच जवाबदेही को स्पष्ट करना है,और दोनों के बीच भरोसे की कमी को पाटना है। मकान मालिक ओर किराएदार के बीच विवाद की सबसे बड़ी जड़ एडवांस रकम या सुरक्षा राशि को लेकर महत्त्वपूर्ण प्रावधान किया गया है। इसमे आवासीय परिसर मामले मे 2 महीने और गैर आवासीय परिसर के मामले मे 6 महीने तक एडवांस लेने की सीमा तय की गई है।
|