भोपाल
भोपाल पुलिस ने रासुका के 83 प्रस्ताव भेजे थे,जिसमे 9 मामले रेमडेसीविर इंजेक्शन और 15 मामले अमानक वस्तुओ के बेचने के है। और इनमे से 43 मामलो के आदेश कलेक्टर ने जारी किए है इनमे से भी बोर्ड ने 28 आदेश को ही मंजूरी दी। रासुका के तहत 3 माह की जेल का आदेश जारी होता है। और जरूरत पढ़ने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है। गुंडे-बदमशों और आवश्यक वस्तुओं की काला बाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका)की लंबी प्रक्रिया है। और इसमे कई प्रस्ताव तो कलेक्टर के स्तर पर ही खारिज हो जाते है। जबकि कलेक्टर के कई आदेशों को गृह सचिव और हाईकोर्ट का एड्वाइजारी बोर्ड खारिज कर देता है। कलेक्टर द्वारा रासुका के आदेश को कंफर्म करने के लिए 12 से 15 दिन के अंदर गृह विभाग भेजा जाता है और गृह विभाग 45 दिन के अंदर उस आदेश को कंफर्म करने के बाद उसे हाईकोर्ट की एडवाइजरी बोर्ड भेजता है। और बोर्ड इन मामलो पर सुनवाई करते हुए संबंधित थाना प्रभारी को तलब करता है।
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