भोपाल -म॰प्र में सरकारी शिक्षकों, स्टाफ नर्स और तहसीलदरों के ट्रांसफर के लिए सांसद-विधायकों के फर्जी लेटर का इस्तेमाल हो रहा है। इन्हें सांसद-विधायक के हस्ताक्षर और लेटरहेड स्कैन कर तैयार किया गया है। सीएम ऑफिस ने भोपाल पुलिस को बुधवार को पत्र लिख के जांच के आदेश दिए हैं। जालसाजों को पकड़ने के लिए डीआईजी ने 3 टीमें बनाई हैं। पिछले कई दिनों से ये पत्र अलग-अलग तारीखों पर सीएम ऑफिस पुहंचे थे। ये भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह, देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर और विधायक रामपाल सिंह के नाम से भेजे हैं। इन पत्र के जरिए 2 तहसीलदार, एक स्टाफ नर्स और 27 शिक्षकों के तबादले के लिए सिफ़ारिश कि गई थी। ये तबादले करने के लिए जनप्रतिनिधियों के फर्जी साइन, लेटर हेड लगाने का यह दूसरा मामला है।
सीएम ऑफिस में हडकंप.... जिसने पहले हुई पोस्टिंग उन पुराने पत्रों की जांच भी शुरू
इस तरह के फर्जी पत्र सामने आने के बाद सीएम ऑफिस में भी हडकंप मचा है। ऑफिस स्टाफ ने सांसद-विधायकों व पूर्व नेताओं के नाम से आए पुराने अनुशंसा पत्रों की भी जांच शुरू कर दी है। जांच में ऐसे पत्रों को भी शामिल किया है, जिनके जरिए सरकारी कर्मचारी-अधिककारियों की पोस्टिंग हो चुकी है।