ब्रेकिंग न्यूज़ आलीराजपुर : शादी में जा रहे 2 भाइयों की ट्रक की चपेट में आने से मौत |                राजगढ़ : जंगल में पेड़ पर लटका मिला 72 दिन से गायब युवक का कंकाल |                झाबुआ : साड़ी के फंदे में फर्श पर मिला युवक का शव, हत्या की आशंका |                रीवा : सूखी नहर में गिरी बाइक, हादसे में सेना के दो जवानों की मौत |                सतना : चार्जिंग पर लगे मोबाइल में हुए धमाके से 2 बच्चे जख्मी |                सीहोर : आधी रात को रुकवाया बाल विवाह बिना दुल्हन के लौटी बारात |                खंडवा : बिना इंजन के चल पड़ी मालगाड़ी, 5 डिब्बे ट्रैक से उतरे |                  
गजल......

 

कैसे हम भूले, तुमको जब तुमसे ही प्यार है।
माना दूर है मुझसे, पर तेरा ही इन्तज़ार है।
आखों में सूरत तेरी, लगता है तू पास है।
अब तो मेरे सासो की, बस तू ही झंकार है।
ये मुमकिन कब है प्रीतम, दोनों का एक हो सफ़र।
 साकी के पैमाने से, कब तुझको  इन्कार है।
अब खूं मे है मेरे, दिलकश की  मोहब्बत  जुनूँ।
अहवाल अब ये मेरा, अब वो मेरे सरकार है।
तौबा तौबा है "झरना," तेरे ऐसे इश्क़ का,
उसको एहसास  कब तेरा, कब तेरा इकरार है।
झरना माथुर

 

Advertisment
 
प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
Copyright © 2016-17 LOKJUNG.com              Service and private policy              Email : lokjung.saify@gmail.com