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हर साल 4 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी, नहीं मिल रही किडनी, लीवर की जांच सुविधा |

इंदौर : प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में सेंट्रलाइज लेबोरेटरी शुरू करने की योजना पर काम कर रही हैं, एमवाय अस्पताल में लगभग डेढ़ माह से मरीजों की किडनी लीवर की जांच सुविधा बंद हैं | हैरत कि बात यह हैं कि जिस किट की कमी को लेकर जांच नहीं की जा रही हैं उसके लिए हर वर्ष 3 से 4 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं | किडनी और लीवर इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए एलएफटी और आरएफटी जांच होती हैं, जो अधिकतर मरीजों की कारवाई जाती हैं कोई मरीज खुद के खर्च पर यह जांच करवाता हैं तो कोई मददगार खोजता हैं | आयुष्मान धारक मरीजों के लिए भी यही  स्थिति हैं, जबकि उन्हे तो यह सुविधा नि:शुल्क दी जाना हैं | अस्पताल में रोजाना 3000 मरीजों का आना जाना हैं उनमे से लगभग 1000 मरीज भर्ती होते हैं, जिनमे कम से कम 500 से 600 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें एलएफटी – आरएफटी करवाने की ज़रूरत पड़ती हैं | इस बात के लिए अस्पताल के जिम्मेदार यह बोलकर बात टाल देते हैं कि अभी जांच किट नहीं आ रही हैं |अस्पताल की इस लापरवाही के चलते मरीजों की हालत कभी नहीं सुधर पाएगी |

 

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प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
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