नई दिल्ली : 2022 -23 में लंबी अवधि के इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्च के लिए केंद्र ने 7.5 लाख करोड़ रुपए रखे थे | वहीं राज्यों ने 6.92 लाख करोड़ रुपए का बजट तय किया था | केंद्र अपने बजट का 27.8% खर्च कर चुकी हैं जबकि राज्य सिर्फ 14.7% ही खर्च कर पाई हैं | वहीं अप्रैल से जुलाई के बीच 100 करोड़ या उससे पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखने वाली सरकारी कंपनिया अपने बजट का 28% खर्च कर चुकी हैं, इनका कुल बजट 6.62 लाख करोड़ रुपए हैं और यह 1.84 लाख करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं इसका नतीजा यह रहा कि निजी क्षेत्र से अपेक्षाकृत कम निवेश के बावजूद सरकारी कंपनियों के खर्च ने अर्थव्यवस्था को बाखूबी संभालने का काम किया हैं | 2022 के शुरुआती चार महीनों अप्रैल से जुलाई तक के दौरान सड़क, स्कूल, अस्पताल , और पुल सहित कई आर्थिक गतिविधियों पर खर्च के मामलों में केंद्र सरकार राज्य से आगे रही हैं | कोरोना में लॉकडाउन के कारण केंद्र ने इस बार बजट मे पूंजीगत व्यय के लिए पिछली बार के मुक़ाबले 37% की बढ़ोतरी की हैं | पूंजीगत खर्चों में पिछली साल की समान अवधि के मुक़ाबले इस साल थोड़ा बढ़ता नज़र आया हैं | अप्रैल से जुलाई तक राज्यों का खर्च केंद्र से आधा रहा, देश में पूंजीगत व्यय के बजट मामले में यूपी पहले व महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर हैं | पिछले वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों में से 13 अपने पूंजीगत व्यय का बजट पूरा नहीं कर पाए, और नौ राज्य तय बजट से आगे निकल गए इस बार केंद्र और राज्य दोनों का जीएसटी संग्रह बेहतर रहा हैं, ऐसे में पूंजीगत व्यय के माध्यम से विकास को गति देने की आवश्यकता हैं |
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