भोपाल : ( नुजहत सुल्तान )शहर की सबसे ज़्यादा विवादित रोहित नगर सोसाइटी में सात साल में सात प्रशासक बदल गए लेकिन फिर भी अभी तक संस्था की सूची में लेन देन और संपत्ति का कोई पुख्ता रिकॉर्ड नहीं हैं इसी कारण यहां की ज़मीन के हेर - फेर के सबूत जुटाना मुश्किल हैं | जिन लोगों ने यहा प्लाट लेने के लिए पैसे दिए थे उन्हें कोई सबूत नही दिया गया |यहा संस्था के पीड़ित सदस्यों को प्लाट मिलने की बात तो बहुत दूर हैं | अब यहा के नए प्रशासक
ने कार्यवाई करना शुरू की हैं और छह महीने के अंदर ही चुनाव प्रकिर्या कराने की व्यवस्था हैं | सहकारिता विभाग ने अब मुकंद रॉ भयसरे को प्रशासक बनाया हैं |हालांकि संस्था के सदस्यों नें इस बात को लेकर काफी हँगामा किया कि अब तक कोई भी प्रशासक ऐसा नहीं आया जिसने आडिट और रिकॉर्ड को लेकर कोई कार्यवाई की हो , रोहित नगर सोसाइटी में 1741 सदस्य हैं, लेकिन सदस्यता सूची मे वरिष्ठता क्रम का ध्यान नहीं रखा गया | 2004 -5 से लेकर 2014-15 तक का कोई भी पुख्ता सबूत नहीं हैं | संस्था के पास कहां – कहां कितनी ज़मीन हैं,कौनसा प्लाट किसके नाम हैं और किस सदस्य ने किसे बेच दिया इस प्रकार की कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं हैं |सहकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. विनोद ने कहा कि बैंक स्टेटमेंट के आधार पर लेन देन का हिसाब लगाकर 2004-05 से 2015–16 तक संस्था में कितना पैसा आया और कितना व्यय हुआ पता लगाया जाएगा | अगर जांच में कुछ भी गड़बड़ी पाई गई तो इस कार्यकाल के सभी पदाधिकारी दोषी माने जाएंगे | संस्था का रिकॉर्ड दुरुस्त करके 6 महीने के अंदर अंदर चुनाव कराएंगे और पीड़ित सदस्यों को न्याय मिल सकेगा |