भोपाल :(नुजहत सुल्तान ) भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों की मौत का सही आंकड़ा और सही मुआवजे के लिए लगाई गई सुधार याचिका पर 11 साल बाद अब 11 अक्टूबर को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई होगी | सुनवाई को लेकर 5 गैस पीड़ित संगठनों ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाकर रखा हैं | इस अभियान के तहत लगभग 18 दिनों में करीब 30 हज़ार लोगों ने साइन किए हैं | और केंद्र सरकार से मांग की जा रही हैं कि पीड़ितों की मौत के सही आंकड़ें पेश करके मुआवजा दिया जाए | गैस पीड़ितों के अभियान को देखकर बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गैस पीड़ित संगठनों से बातचीत करके भरोसा दिलाया कि गैस पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए भारत सरकार सुप्रीमकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी | और कहा कि लोगों के इलाज में किसी तरह की कोई कमी नहीं आने देगी | ढींगरा ने बताया कि 5 गैस पीड़ित संगठनों ने सरकार द्वारा बताए गए मौत के आंकड़े और लोगों को दिए गए मुआवजे को लेकर सही आंकड़ें पेश नहीं किए थे | यही कारण हैं कि आज भी लाखों लोग गैस त्रासदी के बाद भी विभिन्न बीमारियों से लड़ रहे हैं | चूंकि पहले का समझौता भोपाल गैस त्रासदी में हुए नुकसान, घायलों और मरने वालों की संख्या की गलत धारणाओं पर आधारित था | अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 1989 में भारत सरकार और यूका के बीच हुए समझौते के बारे में सही जानकारी ली, और गैस पीड़ितों की मौत के सही आंकड़ें और मुआवजे की स्थिति को लेकर फाइल दोबारा खोलने की बात कही हैं | सरकार के इस फैसले से भोपाल के गैस पीड़ितो मे खुशी कि लहर जाग उठी है।
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