जम्मू : ( नुजहत सुल्तान )लगातार हमलों के डर से कश्मीर के दस जिलों से घर-बार छोड़कर जम्मू आए पंडितों के लिए दिवाली से पहले ही नई मुसीबत खड़ी हो गई जम्मू कश्मीर प्रशासन ने प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम कर रहे अधिकतर कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को सितंबर माह की तंख्वाह देने से किया इंकार
प्रशासन के इस फेसले से पंडित बहुत ज़्यादा परेशान हो गए हैं, दिवाली उत्सव की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गई कुछ गिने चुने कर्मचारियों को वेतन मिला हैं, लगभग 80 से 90 प्रतिशत कर्मचारी ऐसे हैं जिनहे अभी तक पैसा नही मिला | वेतन न मिलने पर गुस्साए कर्मचारी अपनी मांगो के पक्ष में कई दिनों से धरना दिए बैठे हैं इसमें बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी भी शामिल हैं, उनका कहना हैं कि सरकार इस बात को लेकर सहमती नहीं दे रही हैं | दिवाली से पहले सरकार के इस फेसले से मुसीबतें बढ़ गई हैं लगता हैं सरकार हमें त्योहार पर खुश देखना नहीं चाहती | दरअसल कश्मीर के डिविज़नल कमिश्नर ने 8 अक्टूबर को यह निर्देश जारी किया था कि, जिस कर्मचारी की बायोमेट्रिक अटेंडेंस की डिटेल उपलब्ध नहीं होगी उसकी सितंबर माह की तंख्वाह रिलीज़ नहीं की जाएगी | यह आदेश 4000 से अधिक पंडित कर्मचारियों पर भी लागू होता हैं | धरने पर बैठे हुए रूबेन सप्रू ने बताया कि अधिकतर कर्मचारियों की सितंबर की तंख्वाह नहीं मिली हैं | हालांकि हक़ीक़त यह भी हैं कि विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को तो 3-4 महीनों से वेतन ही नहीं दिया गया हैं | उन्होने बताया कि हमने ग्रह मंत्री अमित शाह से मिलने की इजाज़त भी मांगी थी लेकिन हमें मिलने की अनुमती नही मिली और न ही हमारा मांग पत्र उन्हे दिया गया, बल्कि हमारी अर्ज़ी खारिज कर दी गई | कश्मीरी पंडित कर्मचारी सरकारी अफसरों के इस रवैये से काफी नाराज़ हुए |