भोपाल : प्रदेश में हो रहे महिलाओं के प्रति अपराधों में दोषियों को सज़ा नहीं मिल पा रही हैं कारणवश महिला के खिलाफ अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं |आरोपियों के होसले बुलंद हो रहे हैं, वह महिलाओं के साथ अपराध करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए अपराधों की ठीक तरह से जांच न होने और कोर्ट में प्रकरणों की पैरवी में अनदेखी से 19 माह में मध्यप्रदेश में 26.5% आरोपियों को ही सज़ा मिल सकी हैं बाकी आरोपी खुले आम घूम रहे हैं अलग अलग अदालतों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लगभग 8000 प्रकरण पहुंचे लेकिन इनमें से सिर्फ 1850 में ही आरोपियों को सज़ा हो पाई हैं | बाकी में प्रकरण साबित नही हो सके कुछ मामलों मे पीड़िता और गवाहों के पक्षद्रोही होने, तो कई मे प्रकरणों से संबंधित साक्ष्यों को सही ढंग से कोर्ट में नही रखने से दोषियों को सज़ा नही मिल पाती |
महिला अपराधों में दोष सिद्धी की दर बढ़ाने साक्षी संरक्षण योजना लागू की गई हैं | महिला सुरक्षा शाखा की एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव के मुताबिक चार अगस्त से योजना को शुरू किया गया | प्रत्येक ज़िले से चिन्हित अपराधों को योजना में शामिल किया गया हैं |