राजस्थान : राजस्थान में लड़कियों को बेचने का रिवाज बन गया हैं सीरीया-ईराक में जिस तरह आईएस मासूम लड़कियों को गुलाम बना रहा हैं उसी तरह अब राजस्थान के आधा दर्जन जिलों मे भी ऐसा ही घिनौना खेल खेला जा रहा हैं | नाबालिग लड़कियों को नीलाम कर बेचा जा रहा हैं यह काम जातीय पंचायत के कहने पर होता हैं भीलवाड़ा के पंडेर गाँव में 8 से 18 साल की गरीब परिवारों की लड़कियों को दलाल स्टाम्प पेपर पर खरीदकर उन्हे मध्यप्रदेश, यूपी, मुंबाई, दिल्ली और विदेश तक भेज देते हैं | जातीय पंचायत की सताई एक बेटी ने आपबीती बताते हुए कहा की जब मे 21 साल की थी तब मुझे बंधक बनाया गया जब भी भागने की कोशिश की पकड़ी गई, एक बार भागते हुए पकड़ी गई तो जब तक मेरे साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया जब तक मैं बेहोश नही हो गई | हर दिन मौत से बदतर ज़िंदगी जी रही थी, हैरत तो इस बात की हैं की यह सारे काम पंचायत के दबाव मे किए जाते हैं | एक बाप ने अपनी ही बहन और चार बेटियों को 15 लाख रुपए का कर्ज़ उतारने के लिए बेच दिया, इसके बाद भी कर्ज़ नहीं उतरा | एक 12 साल की बच्ची को दलाल ने 8 लाख रुपए मे 15 साल के लिए खरीदा और उसे मध्यप्रदेश ले गया उसकी ज़िंदगी नर्क बना दी | 12 साल की गायत्री ने बचपन मे ही माँ को खो दिया उसके पिता ने माँ और दादी के इलाज के लिए कर्जा लिया घर बेचकर भी कर्जा नही उतरा तो उसने अपनी बेटी को बेच दिया | पंचायत से जुड़े दलालों ने गाँव मे आलीशान कोठियाँ बनवा रखी हैं | पूरे गाँव में एक भी परिवार मे लड़कियां नही हैं सिर्फ कर्ज़ से लदे माँ बाप हैं | लेकिन कोई भी परिवार पुलिस और प्रशासन के सामने बोलने की हिम्मत नही जुटा पाया |
|