नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने निर्णय लिया हैं कि दवाओं और इंजेक्शन पर अब बार कोड लगाया जाएगा | इस निर्णय से दवा की गुणवत्ता में सुधार तो होगा ही साथ ही भारतीय दवा बाज़ार और इंडस्ट्री पर लोगों का भरोसा भी बढ़ेगा | बार कोड लगने के बाद कोई ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली दवा नहीं बेच पाएगा | इस फैसले से सब स्टैंडर्ड दवा पर भी रोक लगेगी | इस निर्णय से आम उपभोक्ताओं के साथ साथ फार्मा इंडस्ट्री को भी फायदा होगा यह व्यवस्था अगले साल 1 अगस्त तक लागू करने की तैयारी हैं | पहले दौर में देश में बिकने वाली दवाइयों के टॉप 300 ब्रांड पर बार कोड लगाया जाएगा | बार कोड लगने से कोई भी व्यक्ति दवा खरीदने पर मोबाइल फोन से यूनिक बार कोड स्कैन करके उसके असली नकली होने और रैपर पर किए दावे की पहचान कर सकेगा | बार कोड स्कैन करते ही फोन पर दवा का ब्रांड नेम , निर्माता कंपनी, उसका पता, बैच नंबर, निर्माण और एक्सपायरी की तारीख, कंपनी का लाइसेंस नंबर और दवा की कीमत आ जाएगी | 14 डिजिट वाला यूनिक कोड अब दवा और इंजेक्शन की हर स्ट्रिप पर लगेगा|
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