नई दिल्ली : दिल्ली एम्स में ऑनलाइन सिस्टम से करीब चार करोड़ मरीजों का डेटा चोरी हो गया हैं | यह देश के मेडिकल सेक्टर में डेटा चोरी की सबसे बड़ी वारदात हैं | दो दिन से इस मामले की जांच कर रही एनआईसी, सीबीआई, आईबी, डीआरडीओ और दिल्ली पुलिस भी पता नही लगा पाई कि इतनी बड़ी हैंकिंग आखिर कैसे हुई, एम्स के दो सिस्टम एनालिस्ट को भी पद से हटा दिया गया हैं | डेटा हैक मे इंटरनेशनल साइबर क्राइम के जुड़े होने की आशंका हैं | दिल्ली पुलिस ने कहा हें कि यह साइबर टेरर से जुड़ा मामला हैं, जांच एजेंसियां एम्स में ऑनलाइन सिस्टम से जुड़े कंप्यूटर्स को खंगाल रही हैं | साइबर एक्सपर्ट,सॉफ़्ट्वेयर इंजीनियर डेटा हैक के सोर्स और रिसीवर की तलाश में लगी हैं एम्स में इंटरनेट बंद कर दिया हैं, चार अतिरिक्त सर्वर लगाए गए हैं, ओपीडी और आईपीडी में सभी काम मैनुअली हो रहे हैं | लगभग आठ साल पहले एम्स के डेटा को पूरी तरह से डिजिटल कर दिया गया था | तब से एम्स में कई पूर्व प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित कई वीआईपी लोगों का इलाज हो चुका हैं इन सभी का पर्सनल डेटा भी एम्स के सर्वर से चोरी हो चुका हैं |
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