भोपाल :(नुजहत सुलतान) जेल से आए वीआईपी मरीजों की देखभाल में जुटा हैं हमीदिया अस्पताल, जो डॉक्टर बड़े – बड़े कारनामे और घोटाले करके जेल की हवा खा रहे थे वही पिछले एक महीने से अपनी मामूली बीमारी को लेकर हमीदिया अस्पताल में मेहमानी खा रहे हैं | दरअसल इन तीन डॉक्टरों में एक ने आयुष्मान योजना में एक करोड़ से ज़्यादा का फर्जी क्लेम लिया | जिसमें वह 50 लाख रुपए की दूसरी क़िस्त लेने से पहले पकड़ा गया अब वह पैरों में तकलीफ की बीमारी बताकर पिछले एक महीने से हमीदिया में भर्ती हैं, जबकि बड़े डॉक्टर ने बोला हैं कि इन्हें भर्ती की ज़रूरत नही सिर्फ 10 दिनों में इनकी बीमारी ठीक हो सकती हैं, दूसरे डॉक्टर का कारनामा जाने, जिन्होने कोरोना में हुई बच्चियों की शादियों का बीड़ा उठाया था लेकिन विवाह सहायता के नाम पर यह काम उन्होने अपनी खानापूर्ति करने के लिए किया था उन्होने करीब 3000 हितग्राहियों को 51-51 हज़ार रुपए दिलवाने का बताया था लेकिन किसी के पास भी 51 रुपए तक नहीं पहुंचे, यह यूरिन संबंधी बीमारी बताकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं | तीसरे डॉक्टर भी कुछ कम नहीं हैं वह प्यारे मियां कांड में एक नाबालिग युवती का अबोर्शन करने की सज़ा भुगत रहे हैं, यह वास्कुलिटिस बीमारी से पीड़ित हैं | डॉ. पांडे ने इन सभी की बीमारी रिकॉर्ड को देखकर साफ कहा कि ऐसी मामूली बीमारी के मरीज तो रोज़ ओपीडी में आते हैं | ऐसे डॉक्टर जो अपने पेशे का नाजायज फायदा उठाकर उसे बदनाम कर रहे हैं और सुकून की ज़िंदगी गुज़ार रहे हैं उन्हें तो कड़ी से कड़ी सज़ा मिलना चाहिए |
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