भोपाल : आरटीओ द्वारा ई-रिक्शा के रूट तैयार होंगे और दायरा भी सीमित होगा ई-रिक्शा की लास्ट माइल कनेक्टिविटी और संचालन का जिम्मा शहरी विकास विभाग को दिया जाएगा | डीसीपी ट्रैफिक हंसराज सिंह का कहना हैं कि ई-रिक्शा के लिए आरटीओ उसी अनुपात मे किराया तय करेगा, जितना ऑटो रिक्शा के प्री-पेड बूथ के माध्यम से दूरदराज़ की कॉलोनियों के लिए तय हैं | दरअसल शहर मे लगभग 4 हज़ार से अधिक वैध-अवैध ई-रिक्शा चल रहे हैं इनमें से 90 फीसदी शहर के मुख्य बाज़ारों, स्थानों के बीच चलाए जा रहे हैं इसका असर आस-पास के ट्रैफिक पर पड़ रहा हैं | कई बार तो यह पता ही नहीं चलता कि दो वाहनों के बीच दुर्घटना का कारण बनने वाले ई-रिक्शा पर नियंत्रण किसका हैं | क्योंकि उस पर रजिस्ट्रेशन नंबर तक नहीं होता ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए आरटीओ इनका उपयोग सीमित क्षेत्र में करने की तैयारी कर रहा हैं | ऐसे रूट तैयार किए जाएंगे जिससे ई-रिक्शा चलाने वालों को कोई घाटा नही हो जबकि ई-रिक्शा का अधिकतम उपयोग 2 से 3 किमी की दूरी के लिए होना चाहिए, लेकिन शहर मे यह 5 से 10 किमी तक की दूरी तय कर जनता को अपने-अपने ठिकानों पर पहुंचा रहे हैं | अभी यह लंबी दूरी का किराया प्रति यात्री 20 रुपए ले रहे हैं लेकिन लास्ट माइल कनेक्टिविटी होने पर इनका अधिकतम किराया 10 रुपए तक तय होने की संभावना हैं | लेकिन फेरों की संख्या 3 गुना तक बढ़ने से उन्हें घाटा नहीं होगा |
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