भोपाल : स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत राजधानी में पेंटिंग और आर्टिस्टिक वर्क पर हर साल लगभग 3 करोड़ रुपया खर्च किया जाता हैं | शहर मे पेंटिंग वर्क के लिए नगर-निगम ने 38 अलग-अलग काम करने के लिए आर्डर जारी किए | एक ही जगह तीन टुकड़ों मे काम बांटा गया जिस तरह एक सड़क को तीन टुकड़ों मे करके अलग-अलग कॉन्ट्रैक्टर से बनवाया जाए | एक ही ज़ोन मे और एक ही क्षेत्र मे पेंटिंग के लिए अलग-अलग काम सौंपे गए ज़ोन नंबर 9 में अलग-अलग जगहों पर आर्टिस्टिक पेंटिंग वर्क के लिए दो बार 5,75,800 रुपए का भुगतान किया गया | इसी ज़ोन में सावरकर सेतु से बांसखेड़ी तक पेंटिंग पर 2,28,120 रुपए और खर्च किए गए इसी तरह ज़ोन नंबर 3 मे भी एक ही एरिया का दो बार भुगतान किया गया | यही स्थिति दूसरे ज़ोन मे भी देखने को मिली जब निगम की सूची के आधार पर जांच की गई तो पता चला जो पुरानी पेंटिंग थी उसी को इस वर्ष का बताकर भुगतान ले लिया गया | स्कूली बच्चों द्वारा कराई गई पेंटिंग को भी कॉन्ट्रैक्टरों ने अपना बताया निगम द्वारा कराई जाने वाले पेंटिंग के यह काम अधिकतर सिविल वर्क यानी रोड और नाली बनाने वाले छोटे-छोटे कॉन्ट्रैक्टर लेते हैं | फिर यह कॉन्ट्रैक्टर किसी अच्छे पेंटर को लगाकर काम कराते हैं श्री स्वामी विवेकानंद युवा एवं सामाजिक संस्था के अध्यक्ष अजय पाटीदार ने शहर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुए पेंटिंग कार्यों की जानकारी मांगी हैं |
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