भोपाल : आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने मल्टीपल और डुप्लीकेट संबंधी जानकारी युआईडीएआई से पूछी थी, जिसमें उन्हें बताया गया हैं कि देश में पिछले पाँच सालों में लगभग 4 लाख आधार कार्ड डुप्लीकेट और मल्टीपल मिलें, जिन्हें निरस्त किया गया | हालांकि इस बारे में विज्ञान और प्रौद्दोगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव का कहना हैं कि आधार के काम का यूआईडीआई देखता हैं, राज्य सरकार को तो सिर्फ इसमे टेक्निकल सपोर्ट रहता हैं वहीं, यूआईडीएआई के भोपाल स्थित ऑफिस से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली | बैंकिंग खातों, एलपीजी और नेशनल सोशल असिस्टेंट प्रोग्राम समेत कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने में आधार कार्ड अहम होता हैं | लेकिन वह फर्जी (डुप्लीकेट और मल्टीपल ) भी हो सकते हैं | देश में 2021 तक 128 करोड़ 99 लाख आधार कार्ड बन चुके हैं, जिसमें पिछले पाँच साल में बने आधार कार्ड में से 355884 डुप्लीकेट और मल्टीपल निकले इन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकार ( यूआइडीएआई ) ने निरस्त कर दिया हैं निरस्त किए गए आधार कार्ड में 10 से 12 हज़ार मध्यप्रदेश के हैं |
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