नई दिल्ली : जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह मामला चौकाने वाला हैं कि रात में एक कपल को रोक कर मॉरल पुलिसिंग के नाम पर परेशान किया गया
कोई युवती यह नहीं चाहेगी कि कोई रास्ते में रोककर उससे अभद्र तरीके से निजी सवाल जवाब करे यह कदाचार का मामला हैं और यह कदाचार करने वाले सीआईएसएफ कांस्टेबल को कोर्ट ने सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया हैं | जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने कहा, कांस्टेबल कोई पुलिस अधिकारी नहीं था पुलिस अधिकारियों को भी मॉरल पुलिसिंग करने की जरूरत नहीं उनका काम सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखना होता हैं | इसके साथ ही पीठ ने हाई कोर्ट द्वारा कांस्टेबल को नौकरी पर रखने का आदेश निरस्त कर दिया हैं | आरोपी एक अनुशासित फोर्स से जुड़ा था, जिसमे कदाचार को हल्के मे नहीं ले सकते गुजरात हाई कोर्ट इस मामले मे न्यायिक समीक्षा का कानून सही तरीके से लागू नहीं कर पाया इस कारण हमे उसका आदेश निरस्त करना पड़ रहा हैं |