भोपाल : ( नुजहत सुल्तान )दिसंबर के आखिरी महीने मे गुरु गोविंद सिंह के 4 बच्चे और उनकी माता गुजरी चमकौर की जंग में शहीद हो गए थे 28 दिसंबर को माता गुजरी और चारों साहिबज़ादों का अंतिम संस्कार किया गया था | गुरु व उनके साहिबज़ादों की शहादत भरे दिनों में कमेटी द्वारा 5 गुरुद्वारों में विवाह, मनोरंजन, उत्सवों जैसे कोई खुशी के कार्यक्रम नहीं किए जाते | इस सप्ताह मे लोग अपना जन्मदिन सहित खुशी का कोई अन्य कार्यक्रम हो तो उसे सादगी से ही मनाते हैं | बहुत से लोग इस सप्ताह में सिर्फ शाकाहारी भोजन करते हैं | गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष परमवीर सिंह ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने जब आनंदपुर साहिब का क़िला छोड़ा था तो 21 दिसंबर को सरसा नदी के किनारे जंग के समय उनका परिवार बिछड़कर तीन हिस्सों में बंट गया था | गुरुजी की पत्नी एवं भाई मनी सिंह दिल्ली कि और चले गए गुरुजी के दो बड़े बेटे गुरुजी के साथ रह गए थे वह चमकौर की जंग में 40 सिखों के साथ शहीद हो गए थे | गुरुजी के दो छोटे बेटे व माता गुजरी 26 व 27 दिसंबर को शहीद हुए थे | इस कारण गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने दिसंबर के आखिरी सप्ताह में खुशियां मनाने पर रोक लगाई हैं |
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