ब्रेकिंग न्यूज़ जावरा : जोधपुर-इंदौर एक्सप्रेस से टकराया ऊंट, जेसीबी से निकाला |                विदिशा : प्रमोशन की मांग लेकर खुद पर पेट्रोल डालकर पहुंचा भृत्य, कर्मचारी भागे |                ग्वालियर : गुना में युवक से मारपीट करने वाले तीनों आरक्षक निलंबित |                धार : तंत्र सिद्ध करने के चक्कर में युवक की हत्या, तांत्रिक गिरफ्तार |                बुरहानपुर : सिर दर्द की बीमारी से परेशान युवक ने पिया कीटनाशक, मौत |                  
5 सालों मे डकैती, लूट, और चोरी की संपत्ति पुलिस नहीं कर सकी जब्त आरोपी द्वारा चोरी की राशि खर्च करने के बाद वापस लेने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं हैं |

भोपाल :  ( नुजहत सुल्तान ) 5 सालों में राजधानी में लूट, चोरी, डकैती के करीब 15 हज़ार मामले सामने आए हैं कुल मिलाकर 59.8 करोड़ की संपत्ति चोरी हुई लेकिन पुलिस सिर्फ 15.34 करोड़ ही जब्त कर सकी जो कि कुल संपत्ति का 25.9% ही हैं | इसका मतलब बदमाश शहर के 14 हज़ार से अधिक लोगों के 45 करोड़ हजम कर गए और पुलिस हाथ पर हाथ धरी बैठी रही, क्योंकि ऐसे मामलों में अगर आरोपी चोरी की गई राशि खर्च कर देता हैं तो कानून में उस राशि को वापस लेने का कोई प्रावधान नहीं हैं | हालांकि, अगर जेवर किसी सुनार को बेच देता हैं तो पुलिस उसे चोरी के गहने खरीदने के आरोप में पकड़ कर माल बरामद कर लेती हैं | संपत्ति संबंधी अपराध में राशि वापस लेना पुलिस के लिए चुनौतीपूर्ण हैं, क्योंकि जब आरोपी राशि खर्च कर देता हैं तो इसकी रिकवरी नामुमकिन हैं, राजधानी में इस साल 39% रिकवरी हुई जो प्रदेश की टॉप 5 बेस्ट परफॉरमेंस में शामिल हैं | आरोपियों ने अपराध करने का तरीका भी बदल दिया हैं अपराधी सीसीटीवी, फिंगर प्रिंट व लोकेशन को मात देने लगे हैं | और पुलिस अभी वही पुराने तरीके इस्तेमाल कर रही हैं जांच अधिकारी एक्सपर्ट होना चाहिए आईओ को खास प्रशिक्षण देना चाहिए ताकि रिकवरी पूरी हो सके ऐसे अपराधों में रिकवरी औसतन 70% तक होना चाहिए | रिकवरी कम होने के तीन मुख्य कारण हैं : “मुखबिर गिरि 50% कम हुई हैं मुखबिर को पैसा व सुरक्षा दोनों चाहिए जो कि मिल नहीं पा रही, इस कारण इंवेस्टिगेशन पर काफी असर हुआ हैं,  पुलिस अफसर भी इस बात को मान रहे हैं”  “अपराधी शातिर हो गए हैं  मुंह पर कपड़ा या नकाब पहनकर कैमरे को और ग्लब्ज पहनकर फिंगर  प्रिंट को मात दे रहे है एक ऐसी गैंग पकड़ी गई जो फिंगर प्रिंट बदलवाकर अपराध करती थी कई अपराधी मोबाइल साथ नहीं ले जाते”  “ 7 साल से कम सज़ा वाले केस में आरोपी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती, यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश हैं ऐसे में आरोपी पकड़ मे आने के बाद भी उसे नोटिस देकर छोड़ना पड़ता हैं |    

 

Advertisment
 
प्रधान संपादक समाचार संपादक
सैफु द्घीन सैफी डॉ मीनू पाण्ड्य
Copyright © 2016-17 LOKJUNG.com              Service and private policy              Email : lokjung.saify@gmail.com