उत्तराखंड : उत्तराखंड के जोशीमठ में मकान तोड़े जाने को लेकर लोगों में काफी गुस्सा भरा हुआ हैं जिन लोगों के मकान पहले तोड़े जाने थे वह लोग अपना सामान गाड़ियों में भर रहे थे, बच्चे महिलाएं अपने मकान को देखकर रो रही थी | भूधंसाव के खतरे को देखते हुए पहले चरण में 75 मकानों को तोड़ने की तैयारी थी | लेकिन स्थानीय लोगों ने इस बात को लेकर तहसील परिसर में जाकर हँगामा खड़ा कर दिया उनका कहना था कि हमने मकान खून पसीने की कमाई से बनाया हैं और तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले उनकी प्रॉपर्टी का मूल्यांकन नहीं किया गया हैं और न मुआवजे की राशि तय की गई हैं और जब तक मुआवजे की राशि तय नहीं होगी हम अपने मकान नही तोड़ने देंगे | हमने एक एक ईंट खुद रखी हैं और पीठ पर लादकर रेत लेकर आए थे इतनी आसानी से मकान नही मिटने दे सकते हमने बैंक से होम लोन भी लिया था बेघर हो जाने के बाद लोन कहाँ से चुकाएंगे, और घरों का किराया केसे देंगे उनका कहना हें कि अब बैंक की ईएमआई चुकाएं बैंकों की और से पीड़ित परिवारों को लोन देना होगा यहां दिनभर प्रशासन और स्थानीय लोगों में बहस बाज़ी चलती रही | रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट भी जोशीमठ पहुंचे, और आईटीबीपी मुख्यालय जाकर मामले का जायजा लिया | स्थानीय लोगों के गुस्से को देखते हुए देर शाम को मकानों को गिराने की कार्रवाई को निरस्त कर दिया | अब आगे की कार्रवाई के बारे में बुधवार को ही कोई फैसला होगा जिन मकानों को तोड़ा जाना हैं उनमें दो होटल भी शामिल हैं सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ मामले में तत्काल सुनवाई से मना कर दिया हैं 16 जनवरी को अब इस मामले में सुनवाई होगी |
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