उत्तराखंड : जोशीमठ में बुधवार को हालात और अधिक खराब हो गए बुधवार को करीब 50 मकानों में दरारें आ गई | भूधंसाव के डर से लोग घरों से बाहर खुले में आ गए | इसी दौरान बारिश आने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिनके साथ छोटे-छोटे बच्चे थे उन्हें सर्द रातों में खुले में रहना एक बुरे सपने की तरह लग रहा था | हालांकि बारिश कुछ समय पश्चात थम गई लेकिन आगे भी बारिश और बर्फबारी होने के आसार हैं | लोगों का कहना हैं कि जब तक हमारे मकानों का मूल्यांकन और मुआवजा तय नहीं होगा अपनी संपत्ति नहीं छोड़ेंगे | प्रशासन की समझाइश के बाद भी लोग अपने घरों के बाहर और तहसील परिसर में धरना दिए बैठे हैं | कई लोगों को होटलों में ठहराया गया हैं लेकिन इन होटलों में भी दरारें हैं लोगों का कहना हैं कि जब मरना ही हें तो हम अपने घरों में ही मरना पसंद करेंगे, अलकनंदा नदी के किनारे बनी सेना के कुछ बैरकों में भी दरारें आई हैं, यहां से जवानों को दूसरी बैरकों में भेजा गया हैं | भूधंसाव से लगभग 50 घरों में दरारें आने लगी हैं क्षेत्र की 15 दुकानों में भी दरारें आई हैं | कई परिवार खौफजदा होकर अपने रिशतेदारों के यहां चले गए प्रशासन ने यहां के लिए स्टडी टीम बुलाई हैं | जिन लोगों को मकान खाली करने के लिए कहा गया हैं उनके बच्चों की पढ़ाई छूट गई हैं | कई लोगो के घरों में हफ़्तेभर से चूल्हा नहीं जला खाना भी पड़ोसी दे रहे हैं | इस परेशानी के चलते कई परिवार रात को पड़ोसियों, होम स्टे अथवा अन्य स्थानों पर गुज़र बसर करने पर मजबूर है | कई जगह एक कमरे में तीन तीन परिवार रह रहे हैं | सुबह होने पर अधिकतर परिवार अपने घरों के बरामदों में आकर बैठ जाते हैं | कुछ मकानों को पहले सुरक्षित बोलकर चले गए और बाद में आकर बोले आधे घंटे में मकान खाली करो, लोगों का रो रो कर बुरा हाल हैं आधे घंटे में भला मकान खाली कैसे करेंगे, कहां जाएंगे अपने मासूम बच्चों को लेकर ऐसी सर्द रातों में कहां भटकेंगे, आस-पास के कई घरों में भी कोहराम मचा हुआ हैं |
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