भोपाल : ( नुजहत सुल्तान ) जेपी अस्पताल में कभी फर्जी पर्चे बनाए जा रहे हैं तो कभी फर्जी सीटी स्कैन करके हर महीने लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया फर्जी सीटी स्कैन का मामला तब पकड़ में आया जब 2022 में दो लाख के करीब आने वाले महीने का बिल जून में सात लाख पार पहुंच गया जब इसकी जांच हुई तो हेरा फेरी पकड़ में आई | इसके बाद सितंबर महीने का बिल घटकर 1 से डेढ़ लाख के करीब हो गया और जब से अभी तक बिल 1 से डेढ़ लाख के अंदर अंदर ही आता हैं | इससे पहले भी फर्जी पर्चा बनाने का मामला सामने आया था अस्पताल के सिस्टम में सेंध लगाकर फर्जी पर्चा न्बनाया गया था लेकिन अभी तक दोषी का कोई पता नहीं लगा हैं | जिम्मेदारों ने कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया हैं | जेपी अस्पताल में सीटी स्कैन यूनिट जयपुर की फर्म सिद्धार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर की हैं, इन्हें पीपीपी मोड पर यह काम दिया गया हैं लेकिन सितंबर में पता चला कि कंपनी ने डॉक्टरों के पर्चे पर हेराफेरी करके सीटी स्कैन की संख्या बढ़ा दी थी | जहां, डॉक्टरों ने एक महीने में 218 सीटी स्कैन लिखे, वहीं कंपनी की तरफ से 728 स्कैन किए गए यह कंपनी भोपाल के ज़िला अस्पताल के साथ ही प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में भी सीटी स्कैन का काम संभाल रही हैं | दूसरे अस्पतालों में भी गड़बड़ी होने की आशंका हैं, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण अस्पतालों में हुई गड़बड़ी के मामले में न तो अभी तक कोई कार्रवाई हुई और न कोई जांच की गई |
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