भोपाल : नगर-निगम परिषद बैठक होने से एक दिन पहले हुई भाजपा पार्षद दल की बैठक में अतिक्रमण अधिकारी कमर साक़िब को लेकर पार्षदों और महापौर के बीच बहसबाजी हुई | सभी पार्षद और एमआईसी सदस्य कमर साक़िब को अतिक्रमण अधिकारी के पद से हटाने के लिए ज़ोर देते रहे, एमआईसी सदस्य रवींद्र यती ने कहा साक़िब ने मैरे पोस्टर और बैनर हटवाए थे, शहर में और भी बैनर लगे हुए हैं लेकिन साक़िब को हमारे ही बैनर हटाने को मिले थे, यती की इस बात का सभी ने साथ दिया | पार्षदों ने साक़िब को हटाने के लिए दबाव बनाया तो महापौर ने कहा कि कोई ऐसा दमदार अतिक्रमण अधिकारी बताइए जो दमदारी से अतिक्रमण हटवा सके, पार्षद चाहते थे कि साक़िब को हटाने की घोषणा परिषद बैठक में ही की जाए लेकिन महापौर ने ऐसा करने से मना कर दिया, उन्होने कहा कि इस बात पर सोमवार को चर्चा करेंगे | गौरतलब हैं कि पिछली बार भी नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने साक़िब को अतिक्रमण अधिकारी के पद पर बैठाने पर सवाल उठाया था | उनकी योग्यता अनुसार उन्हें पद से हटाना चाहिए या नहीं इस बात का निर्णय लिया जाना था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई | गौर तलब ये भी हे कि नगरनिगम भोपाल मे दबंगियाई से काम करने वाले कमर साकिब कि कार्यशेली को लेकर कई बार सवाल खड़े किए गए हे मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री का सीधा इनपर हाथ होने के कारण
इनका बाल भी बांका नही होता है इसीलिए निगम परिषद कि बैठक मे महापौर भी इन को हटाने के मामले मे असमर्थ दिखी सवाल ये उठता हे कि जब चुने हुए जनप्रतिनिधि किसी अफसर कि कार्यशेली को लेकर नाराज हो तो क्या शासन प्रशासन को उनकी मांग को इतर रखते हुए
ऐसे अफसर को लंबे समय तक पद पर बने रखना चाहिए ?