भोपाल : राजधानी के शाहपुरा इलाके में भोपाल डेवलपमेंट अथारिटी (बीडीए) ने करीब 38 साल पहले जब इस ज़मीन पर कॉलोनी बनाना शुरू की थी,तब ये क्षेत्र मास्टर प्लान 1995 में ग्रीन बेल्ट था | टीएंडसीपी ने बीडीए द्वारा तैयार इस ले - आउट में बी – सी सेक्टर को नामंज़ूर कर नक्शे पर क्रॉस का निशान लगा दिया था | इसके बाद भी बीडीए ने इस ज़मीन पर प्लॉंट बना दिए थे लेकिन बाद मे इस ले - आउट को मंजूर कराने की तकलीफ नहीं की | इस नक्शे में शाहपुरा के बी सेक्टर के 298 में से 150 प्लॉंट और सी सेक्टर के सभी 890 प्लॉंट अवैध दिखाए गए हैं इन प्लॉंट पर फ्लैट मिलाकर करीब 1350 मकान हैं | इन इलाकों में बड़े बड़े नेताओं, उद्दोगपतियों, अफसरों के घर हैं, अब बीडीए को नया ले - आउट मंजूर कराना होगा फिलहाल यह मामला टीएंडसीपी और बीडीए के बीच हैं | बीडीए को नए सिरे से ग्रीन बेल्ट, पीएसपी, ओपन स्पेस आदि तय करना होंगे | मामले में जब बीडीए सीईओ बुध्देश वैध से पूछा गया तो उन्होने कहा कि पूरे मामले की जांच कराएंगे फिर ही कुछ कहेंगे | दरअसल पार्क की ज़मीन पर स्कूल बन रहा था तभी पुराना नक्शा सामने आया और मामला उजागर हुआ | नगर-निगम ने टीएंडसीपी से राय पूछी टीएंडसीपी ने निगम को जो नक्शा भेजा हैं उसमें बी सेक्टर का बड़ा हिस्सा और सी सेक्टर पूरा अवैध बताया गया हैं | शुक्रवार सुबह महापौर मालती राय स्वच्छ सर्वेक्षण के कार्यों का निरीक्षण करने शाहपुरा पहुंची तो यहां रहवासियों ने शिकायत की, रहवासियों की शिकायत पर निगमायुक्त गुरुवार को ही स्कूल निर्माण को स्थगित कर चुके हैं | बाकी हिस्से के बारे में उन्होने फिलहाल अभी कुछ नहीं बताया |
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