भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में विजिटर्स रजिस्टर शुरू हुआ था जिसमें शिकायत लेकर थाने आने वाले विजिटर्स का एक रजिस्टर में नाम, पता, मोबाइल नंबर और थाने आने का कारण लिखा जाता हैं यह जानकारी पुलिस कमिश्नर ऑफिस को भेजी जाती हैं, जहां से विजिटर्स को कॉल करके पाँच सवाल पूछे जाते हैं | उनके फीडबैक के आधार पर थानों की रैकिंग की जाती हैं | विजिटर्स के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा था इस मामले में पूछताछ के बाद सबसे आगे अयोध्या नगर थाना रहा हैं, जबकि एमपी नगर दूसरे, अवधपुरी तीसरे, तलैया चौथे और श्यामला हिल्स पांचवें नंबर पर रहा हैं | इन थानों में विजिटर्स को कुर्सी दी गई और चाए नाश्ते का भी पूछा गया | लेकिन अफसरों की सख्ती और समझाइश के बाद भी जहांगीराबाद, कमला नगर, रातीबड़, छोला मंदिर और बैरागढ़ पुलिस के रवैये में एक साल बाद भी कोई बदलाव नहीं आया हैं | यह खुलासा विजिटर्स के फीडबैक के एक साल के रिकॉर्ड के एनालिसिस से हुआ हैं | विजिटर्स के फीडबैक में इन थानों में उनके साथ व्यवहार ठीक नहीं था | शुरुआत में अशोका गार्डन, जहांगीराबाद, गांधी नगर, रातीबड़ और कोलार रोड थाना फिसड्डी था | टॉप पर कटारा हिल्स थाना, मिसरोद, अवधपुरी, अरेरा हिल्स और बाग सेवनिया थे, इनमें से सिर्फ बाग सेवनिया अपनी पोजीशन पर कायम हैं बाकी सब थाने अपने रवैये को लेकर कुछ खास नाम नहीं कमा सके | इस कारण कमिश्नर मकरंद देऊसकर ने सभी थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया हैं और थाना प्रभारियों को दंडित किया गया हैं |
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