इंदौर : खिरकिया तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत चारवा में मौजूद वक्फ की करोड़ों की संपत्ति वक़्त के थपेड़ों में झुलस कर रह गई |वक्फ बोर्ड की बड़ी लापरवाही के चलते सालों से संपत्ति की हिफाज़त नही की गई | दस्तावेज़ों के मुताबिक इस संपत्ति का मैनेजर कभी क़ाज़ी लाल पिता असगर खान हुआ करते थे | सुन्नी जमात के नाम से यह संपत्ति हैं लंबे समय से यह संपत्ति अल्लाह भरोसे छोड़ दी गई थी जिसके चलते इस संपत्ति पर अवैध कब्ज़ाधारियों ने अपना कब्ज़ा जमा लिया हैं | दस्तावेजी रिकॉर्ड के मुताबिक यह संपत्ति तीन हिस्सों में बंटी हुई हैं | जिनमें ग्राम हरिपुरा, ग्राम महलपुरा, और ग्राम जाधवपुरा शामिल हैं | करीब 10 हज़ार की आबादी इस पंचायत में रह रही हैं, जिनमें से अधिकांश मकान इसी ज़मीन पर बने हुए हैं | वक्फ बोर्ड की इस 63 एकड़ ज़मीन पर कब्रिस्तान, ईदगाह, जामा मस्जिद और मज़ार भी मौजूद हैं | लेकिन मस्जिदें खाली पड़ी हैं और ईदगाह भी साल में दो बार आबाद होती हैं | लेकिन समय बदलने के साथ साथ इसकी हिफाज़त न होने की वजह से इस संपत्ति पर एक एक कर मकान बन गए हैं | मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड इस संपत्ति की हिफाज़त की बातें तो खूब करता था, लेकिन उसके दावे झूठे साबित हुए लेकिन प्रशासन शासकीय संपत्ति बताकर वक्फ बोर्ड से लेना चाहता हैं | मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने इसकी हिफाज़त के लिए जावेद खान की अगुवाई में एक कमेटी बनाई हैं जावेद बताते हैं कि सालों से लावारिस हालात में यह ज़मीन धूल खा रही हैं | सभी धार्मिक स्थलों तक पहुँचने के रास्ते भी बंद कर दिए | हाल ही में इस संपत्ति का पता तब चला जब वक्फ कमेटी अध्यक्ष रशीद अहमद हरदा जिले की संपत्तियों का मुआयना करने निकले उनके मुताबिक यह संपत्ति मध्यप्रदेश राजपत्र में वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज हैं | लेकिन जिला प्रशासन इस दावे को मजबूत नहीं मानता | जानकारों के मुताबिक कब्ज़ाधारियों में अधिकांश गैर मुस्लिम हैं | इस कारण प्रशासन भी कार्रवाई नहीं करता, लेकिन मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड से उम्मीद लगाई जा रही हैं कि वह अपनी इस करोड़ो की संपत्ति को हासिल करने के लिए कोई उचित कदम उठाएगा इस तरह अपनी मिल्कियत को हाथ से नहीं जाने देगा |
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