भोपाल : भदभदा स्थित जीवदया गोशाला में गायों के गायब होने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ कि एक और गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ हैं जीवदया गोशाला का खर्चा पानी गायों के शव से चमड़ी निकालकर और उनकी हड्डियां बेचकर चलाने वाले संचालक को पशु प्रेमियों के सवालों के जवाब देना मुश्किल हो गया | सोमवार को जब गायों के गायब होने का मामला सामने आया तो पुलिस, पशु पालन विभाग के अधिकारी और सामाजिक संगठनों के लोग गोशाला पहुँच गए | उनके सवालों के जवाब में गोशाला प्रबंधक रामदयाल नागर ने बताया कि गोशाला संचालन के लिए जो सरकारी अनुदान मिलता हैं उससे गोशाला का संचालन नहीं हो पाता हैं इसलिए हम मरने वाली गायों को मैदान में फेंक देते हैं फिर दो कर्मचारी इनकी चमड़ी निकालने का काम करते हैं और शव ऐसे ही छोड़ देते हैं महीनेभार में मास खत्म हो जाने के बाद हड्डियां भी निकाल लेते हैं, और इन्हें बाहर भेजकर मिलने वाली राशि से गोशाला का खर्चा पानी चलाते हैं | जब पुलिस ने इनसे गायों के शव दफनाने के बारे में पूछा तो गोशाला प्रबंधक बोले हमे नहीं पता हम तो सालों से शव मैदान में फेंक रहे हैं | गोरक्षा अभियान समिति और शहर के पशु प्रेमी मिलाकर 200 लोग गोशाला पहुंचे थे वहां पुलिस पहले से ही मौजूद थी इन लोगों को जब गोशाला में गायों के साथ हुए व्यवहार का पता चला तो उन्होने एसडीओपी अंजु चौहान, पशु पालन विभाग के उपसंचालक डॉ. अजय रामटेके और नायब तहसीलदार मुकेश राज को यहाँ की अव्यवस्थाओं के बारे में बताया | पशु प्रेमी गोशाला को बंद कराने और गोशाला संचालक के खिलाफ गो हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग कर रहे थे, पुलिस ने आवेदन लेकर जांच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कहकर गुस्साए लोगो को शांत किया |
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