भोपाल :( नुजहत सुल्तान ) 1 जुलाई को देश भर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन फिर भी रोजाना शहर में 34 टन यानि 340 क्विंटल प्रतिबंधित प्लास्टिक आ रहा हैं | इसमें से लगभग तीन टन तो दूध के पैकेट और टेट्रा पैक होते हैं | शहर में इस तरह के प्लास्टिक को जमा करके निष्पादन करने की सिर्फ दो एजेंसियां हैं | जो सिंगल यूज़ प्लास्टिक जमा करके रिसाइकल करने का काम करती हैं | शहर में सालभर में 12,000 मैट्रिक टन प्लास्टिक होता हैं सिंगल यूज़ प्लास्टिक की कुल 19 चीजों पर पाबंदी लगी हैं | यह वह प्लास्टिक का सामान हैं जो फेंकने से पहले सिर्फ एक बार उपयोग किया जाता हैं | हालांकि प्लास्टिक के कैरी बैग्स या थैलियां इन 19 चीजों में नहीं गिनी जाएंगी, प्रतिबंध के तमाम प्रयासों के बाद भी पूरी तरह इस पर रोक नहीं लग पाई हैं | सिंगल यूज़ प्लास्टिक का निष्पादन एक समस्या बन गया हैं | निगम इन प्लास्टिक वेस्ट को सीमेंट फैक्टरियों को भेजता हैं, लेकिन वहां भी दूध और टेट्रा पैकेट की मांग नहीं हैं इसलिए उसका निपटारा करना मुसीबत बन गया हैं | लगभग 10,000 मैट्रिक टन से अधिक प्लास्टिक कचरे के साथ आदमपुर छावनी पहुंचता हैं |यदि 7 महीने का हिसाब लगाया जाए तो अब तक 5800 टन से अधिक प्लास्टिक आदमपुर छावनी में जा चुका हैं | अब सिंगल यूज़ प्लास्टिक को कंप्रेस करके छोटे-छोटे प्रोडक्ट बनाने की एक यूनिट आदमपुर छावनी में लगाई जाएगी इस पर नगर-निगम का कोई निवेश नहीं होगा सिर्फ ज़मीन देंगे और रोजाना का प्लास्टिक देंगे जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा |
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