इंदौर : हाई कोर्ट ने कहा पुलिस को धारा 160 में भी नोटिस देकर बुलाने के भी सीमित दायरे हैं | बिना रिपोर्ट दर्ज किए पुलिस किसी के परिजनों को भी थाने में बयान देने के लिए नहीं बुला सकती | पुलिस द्वारा जारी किए गए इस तरह के नोटिस को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया हैं | दरअसल एक मामले में पुलिस ने दिलीप अग्रवाल, राधा अग्रवाल, देव्यानी और शिवम अग्रवाल को नोटिस जारी किए थे, याचिकाकर्ता के परिचित प्रद्दुमान द्वारा दिलीप की बेटी के नाम व्यापार शुरू किया था | दिलीप को बताया कि उनकी बेटी भाग्यशालि हैं कोई भी काम उसके नाम से शुरू करो तो कामयाबी हासिल होती हैं | कंपनी से लेकर चल अचल संपत्ति दिलीप की बेटी के नाम से खरीदी गई | लॉकडाउन के समय व्यापार मंदा हो गया चल अचल संपत्ति हड़प लेने का आरोप लगाकर दिलीप व परिजन के खिलाफ शिकायत की गई थी | जिसके लिए नोटिस भेजकर परिजनों को बयान लेने के लिए थाने में बुलाया गया था, इसमें कहा कि अगर बयान देने के लिए नहीं आए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी |
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